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शुक्रवार, अक्तूबर 09, 2009

श्री यंत्र (Shree Yantra)

॥श्री यंत्र॥


"श्री यंत्र" सबसे महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली यंत्र है। "श्री यंत्र" को यंत्र राज कहा जाता है क्योकि यह अत्यन्त शुभ फ़लदयी यंत्र है। जो न केवल दूसरे यन्त्रो से अधिक से अधिक लाभ देने मे समर्थ है एवं संसार के हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित होता है। पूर्ण प्राण-प्रतिष्ठित एवं पूर्ण चैतन्य युक्त "श्री यंत्र" जिस व्यक्ति के घर मे होता है उसके लिये "श्री यंत्र" अत्यन्त फ़लदायी सिद्ध होता है उसके दर्शन मात्र से अन-गिनत लाभ एवं सुख की प्राप्ति होति है।

"श्री यंत्र" मे समाई अद्रितिय एवं अद्रश्य शक्ति मनुष्य की समस्त शुभ इच्छाओं को पूरा करने मे समर्थ होति है। जिस्से उसका जीवन से हताशा और निराशा दूर होकर वह मनुष्य असफ़लता से सफ़लता कि और निरन्तर गति करने लगता है एवं उसे जीवन मे समस्त भौतिक सुखो कि प्राप्ति होति है।

"श्री यंत्र" मनुष्य जीवन में उत्पन्न होने वाली समस्या-बाधा एवं नकारात्मक उर्जा को दूर कर सकारत्मक उर्जा का निर्माण करने मे समर्थ है। "श्री यंत्र" की स्थापन से घर या व्यापार के स्थान पर स्थापित करने से वास्तु दोष य वास्तु से सम्बन्धित परेशानि मे न्युनता आति है व सुख-समृद्धि, शांति एवं ऐश्वर्य कि प्रप्ति होती है।