tag:blogger.com,1999:blog-3936990152688287122.post8224811176493801104..comments2024-03-28T16:20:52.253+05:30Comments on GURUTVA KARYALAY: शरद पूर्णिमाGURUTVA KARYALAYhttp://www.blogger.com/profile/12642272977937233961noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3936990152688287122.post-84505156506922833782017-10-03T14:14:21.851+05:302017-10-03T14:14:21.851+05:30शरद पूर्णिमा को फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है...शरद पूर्णिमा को फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है और इसका विशाल धार्मिक महत्व होता है <a href="http://www.mereprabhu.com/2017/10/sharad-purnima-significance-in-hindi/" rel="nofollow"> sharad purnima 2017</a>हिंदू धर्म मेंMereprabhuhttps://www.blogger.com/profile/03060255562565304357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3936990152688287122.post-76075931364890645082015-10-26T10:46:41.423+05:302015-10-26T10:46:41.423+05:30शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima)
हिन्द...शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) <br />हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। साल 2015 में शरद पूर्णिमा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी।<br /><br />शरद पूर्णिमा व्रत विधि (Sharad Purnima Vrat Vidhi in Hindi)<br /><br />इस पर्व को "कोजागरी पूर्णिमा" के नाम से भी जाना जाता है। नारदपुराण के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी अपने हाथों में वर और अभय लिए घूमती हैं। इस दिन वह अपने जागते हुए भक्तों को धन-वैभव का आशीष देती हैं।<br /><br />इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। शाम के समय चन्द्रोदय होने पर चांदी, सोने या मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए। इस दिन घी और चीनी से बनी खीर चन्द्रमा की चांदनी में रखनी चाहिए। जब रात्रि का एक पहर बीत जाए तो यह भोग लक्ष्मी जी को अर्पित कर देना चाहिए।<br /><br />शरद पूर्णिमा व्रत कथा (Sharad Purnima Vrat Katha in Hindi)<br /><br />शरद पूर्णिमा के सम्बन्ध में एक दंतकथा अत्यंत प्रचलित है। कथानुसार एक साहूकार की दो बेटियां थी और दोनों पूर्णिमा का व्रत रखती थी| बड़ी बेटी ने विधिपूर्वक व्रत को पूर्ण किया और छोटी ने व्रत को अधूरा ही छोड़ दिया। फलस्वरूप छोटी लड़की के बच्चे जन्म लेते ही मर जाते थे। एक बार बड़ी लड़की के पुण्य स्पर्श से उसका बालक जीवित हो गया और उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक पूर्ण रूप से मनाया जाने लगा। इस दिन माता महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16346684558090467026noreply@blogger.com