Page

शुक्रवार, नवंबर 06, 2009

बटुक भैरव

सर्वारिष्ट निवार मंत्र


"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीबटुक भैरवाय आपदुद्धारणाय सर्व विघ्न निवारणाय मम रक्षां कुरू कुरू स्वाहा"


व्यापार वृद्धि मंत्र

"ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारण बटुकाय ह्रीं नमः"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें