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गुरुवार, दिसंबर 17, 2009

रामायन आरति

Ramayana Arati, Ramaayana arti, Raamayan
॥श्री रामायन आरति॥


आरति श्रीरामायनजी की।
कीरति कलित ललित सिय पी की॥

गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक बिग्यान-बिसारद॥
सुक सनकादि सेष अरु सारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥१॥

गावत बेद पुरान अष्टदस। छहो सास्त्र सब ग्रन्थन को रस॥
मुनि जन धन संतन को सरबस। सार अंस संमत सबही की॥३॥

गावत संतत संभु भवानी। अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी॥
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी। काकभुसुंडि गरुड के ही की॥२॥

कलि मल हरनि विषय रस फीकी। सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की॥
दलन रोग भव मूरि अमी की। तात मात सब बिधि तुलसी की॥४॥

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