Page

मंगलवार, जनवरी 19, 2010

विद्या प्राप्ति के लिये सरस्वती मंत्र

Vidhaya Prapti Ke liye Saraswati Mantra

विद्या प्राप्ति के लिये सरस्वती मंत्र


घंटाशूलहलानि शंखमुसले चक्रं धनुः सायकं हस्ताब्जैर्दघतीं धनान्तविलसच्छीतांशु तुल्यप्रभाम्‌।
गौरीदेहसमुद्भवा त्रिनयनामांधारभूतां महापूर्वामत्र सरस्वती मनुमजे शुम्भादि दैत्यार्दिनीम्‌॥


भावार्थ: जो अपने हस्त कमल में घंटा, त्रिशूल, हल, शंख, मूसल, चक्र, धनुष और बाण को धारण करने वाली, गोरी देह से उत्पन्ना, त्रिनेत्रा, मेघास्थित चंद्रमा के समान कांति वाली, संसार की आधारभूता, शुंभादि दैत्य का नाश करने वाली महासरस्वती को हम नमस्कार करते हैं। माँ सरस्वती जो प्रधानतः जगत की उत्पत्ति और ज्ञान का संचार करती है।


उपरोक्त मंत्र को प्रतिदिन जाप करने से विद्या की प्राप्ति होती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें