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शुक्रवार, मार्च 19, 2010

भूमि परीक्षण और वास्तु भाग: ६

Bhoomi Parikshan aur vastu bhaga :6 , Bhumi Pareekshan or Vastu Part: 6

 

 
भूमि परीक्षण और वास्तु भाग: ६

 
जिस भूमि को खोदने पर उसमे से यदि भस्म, अंगार, हड्डियाँ, सर्प, भूसी, केश, कोयला इआदि निकलें, वह भूमि को अशुभ समझना चाहिये ।

 
जिस भूमि को खोदने पर उसमे से काष्ट पदार्थ (लकड़ी) मिलेतो वहा अग्नि भय होता हैं। हड्डियाँ मिलेतो तो कुलका नाश होता हैं। सर्प दिखे तो चोरका भय होता हैं। यदि कोयला मिलेतो रोग एवं मृत्यु भय होता हैं। भूसी मिलेतो धन-संपदा का नाश होता हैं ।

 
जिस भूमि को खोदने पर उसमे से यदि पत्थर, ईंट, कंकड़, शंख आदि निकलें तो उस भूमिको शुभ समझना चाहिये ।

 
भविष्यपुराण के अनुशार जलके ऊपर निवास हेतु भवन नहीं बनवाना चाहिये।

 
मंदिर या देव स्थान के ऊपर निवास हेतु भवन नहीं बनवाना चाहिये।

 
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निवास हेतु उत्तम भूमि

  • ब्राह्मण के लिये घृत के समान गन्धवाली भूमि उत्तम एवं शुभ होती हैं।
  • क्षत्रिय के लिये रक्त के समान गन्धवाली भूमि उत्तम एवं शुभ होती है।
  • वैश्य के लिये अन्न के समान गन्धवाली भूमि उत्तम एवं शुभ होती हैं।
  • शूद्र के लिये मद्य(मधु/महु) के समान गन्धवाली भूमि उत्तम एवं शुभ होती हैं।

 
स्वाद एवं भूमि परिक्षण
  • मीठे स्वाद वाली भूमि सब वर्णों के उत्तम एवं शुभ होती हैं।
  • ब्राह्मण के लिये मीठे स्वाद वाली मिट्टी उत्तम एवं शुभ होती हैं।
  • क्षत्रिय के लिये कषैले स्वाद वाली मिट्टी उत्तम एवं शुभ होती हैं।
  • वैश्य के लिये खट्टे स्वाद वाली मिट्टी उत्तम एवं शुभ होती है।
  • शूद्र के लिये कड़वे स्वाद वाली मिट्टी उत्तम एवं शुभ होती हैं।

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