Page

रविवार, मई 09, 2010

पंच महाभूत तत्व एवं वास्तु (भाग:१)

pancha mahabhuta tatva evm vaastu bhaga:1, panch mahabhuta tatva or vastu part:1


पंच महाभूत तत्व एवं वास्तु (भाग:१)

जिस भूमि पर भवन बनकर तैयार हो जाता है वहा पंचभूत का समनवय होता हैं। जिस प्रकार मानव शरीर में जो पंच माहाभूत (आकश, पृथवी, जल, वायु, अग्नि) तत्व समाहित होते हैं , यह पंच माहाभूत तत्व व्यक्ति द्वारा किये गये कर्म के अनुरुप उसका प्रभाव शुभ-अशुभ व्यक्ति के निवास स्थान पर पड़ता हैं। क्योकि मनुष्य एवं बह्याण्ड की संरचना पंच महाभूतों के आधार पर हुई हैं।

यदि प्रकृति के विरूद्ध इन पच महाभूत तत्व का संतुलन बिगड़ जाये तो व्यक्ति द्वारा किये जारहे कर्म गलत दिशामें होते हैं, जिस्से हमारी उर्जा यातो अधिक खर्च होती हैं या उर्जा गलत दिशा में व्यय होक

शरीर में अस्वस्थता पैदा होकर शारीरिक संतुलन को बिगाड़ देती है, जिस्से पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव, अशांति, रोग इत्यादि अनेक प्रकार कि व्याधि उतपन्न होती है।

इस लिए यह जरूरी है कि हम पंच महाभूत तत्वों का सन्तुलन रखे तो हमे जीवन में सभी प्रकार से सुख शांति एवं समृद्धि सरलता से प्राप्त होती हैं।

भवन निर्माण के बाद पंच तत्वों का गृह में अस्तित्व होता हैं इस लिये यह जरूरी हो जाता हैं कि इन पंच महाभूत तत्वों का सही सन्तुलन बना रहे। अगर यह जरा भी बिगड़ जाए तो भवन मे निवास करने वाला व्यक्ति सुख-शांति से नहीं रह पाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें