गृह प्रवेश एवं वास्तु भाग:३
अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुण्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढा़, श्रवण, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में गृह प्रवेश श्रेष्ठ माना गया हैं ।
चैत्र, ज्येष्ठ, आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, पौष और माघ - मास मे गृह प्रवेश करना माना गया हैं।
वैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्श और फाल्गुन - मास में गृह प्रवेश श्रेष्ठ माना गया हैं ।
- चैत्र मास में गृह प्रवेश करने से रोग और शोक उत्पन्न होते हैं ।
- वैशाख मास में गृह प्रवेश करने से धन, वैभव, संतान एवं आरोग्य की प्राप्ति होती हैं ।
- ज्येष्ठ मास में गृह प्रवेश करने से मृत्यु तथा विपत्ति प्राप्ति कि आशंका होती हैं ।
- आषाढ़ मास में गृह प्रवेश करने से वाहन एवं पशु की होने का भय होता हैं ।
- श्रावण मास में गृह प्रवेश करने से धन एवं मित्रो बढते हैं एवं लाभ प्राप्त होता हैं ।
- भाद्रपद मास में गृह प्रवेश करने से मित्रों से क्लेश, दरिद्रता तथा विनाश होता हैं ।
- आश्विन मास में गृह प्रवेश करने से स्त्री नाश, कलह तथा लड़ाई झगडे होता हैं ।
- कार्तिक मास में गृह प्रवेश करने से संतान,आरोग्य एवं धन की प्राप्ती होती हैं ।
- मार्गशीर्ष मास में गृह प्रवेश करने से उत्तम उत्तम अन्न एवं धनकी प्राप्ति होती हैं ।
- पौष मास में गृह प्रवेश करने से चोरों का भय होता हैं ।
- माघ मास में गृह प्रवेश करने से अग्नि का भय होता हैं ।
- फाल्गुन मास में गृह प्रवेश करने से धन तथा सुखकी प्राप्ति और वंशकी वृद्धि होती हैं ।
वास्तु ग्रन्थों के मत से गृह प्रवेश के लिये आषाढ़ एवं पौषको शुभ और कार्तिकको अशुभ बताया गया है ।
* कच्चे घरो में, घास - फूस एवं लकड़ी के बने घर मास का दोष नहीं लगता ।
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