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गुरुवार, जून 17, 2010

वास्तु एवं शिलान्यास

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वास्तु एवं शिलान्यास
  • भूमि पर शिलान्यास सर्व प्रथम आग्नेय कोणमें करना शुभ होता हैं।
  • आग्नेय कोणमें में शिलान्यास करने के बाद अन्य सभी निर्माण प्रदक्षिणा क्रमसे (घडि कि दिशा में, (क्लोक वाईज) शुभ माना गया हैं।
  • दक्षिण में गृह निर्माण कि समाप्ति होने से भवन स्वामी के धनका नाश, स्त्री में विकार उत्पन्न होने लगते हैं एवं पुत्र संतान कि आयु क्षीण होती हैं।
  • आकाश में ध्रुव तारे को देखकर अथवा स्मरण कर नींव रखनी अति शुभ होती हैं।
  • मध्याह, मध्य रात्रि तथा सन्ध्या कालमें शिलान्यास हेतु नींव नहीं रखनी चाहिये। मध्याह्ल तथा मध्य रात्रिमें शिलान्यास करनेसे व्यक्ति के धन एवं स्वास्थय का नाश होता हैं।
  • शिलान्यास हेतु चौकोर एवं अखण्ड शिला लेनी शुभ होती हैं। ।
  • अधिक लम्बी,अधिक छोटी, असमान समतल वाली, काले रंग की एवं टूटी-फूटी शिला लेने से अशुभ तथा भय कि प्राप्ति होती हैं ।

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