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गुरुवार, सितंबर 29, 2011

नवरात्री में संपन्न करें नवार्ण मन्त्र साधना

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नवरात्री में संपन्न करें नवार्ण मन्त्र साधना
नवार्ण मन्त्र साधना
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (अक्टूबर-2011)

विनियोगः-
अस्य श्री नवार्ण मंत्रस्य ब्रह्मा विष्णु महेश्वरा ऋषिः, गायत्र्युष्णिगनुष्टुभश्छंदांसि, महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वत्यः देवताः, नंदजा शाकुंभरी भीमाः शक्तयः, रक्तदंतिका दुर्गा भ्रामयो बीजानि, ह्रौं कीलकम्, अग्निवायु सूर्यास्तत्वानि, कार्य निर्देश जपे विनियोग।
नवार्ण मन्त्र:
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥
नवार्ण भेद मन्त्र:
शास्त्रों में नवार्ण मन्त्र को अपने आप में अत्यन्त सिद्ध एवं प्रभावयुक्त माना गया हैं। नवार्ण मन्त्र को मन्त्र और तन्त्र दोनो में समान रुप से प्रयोग किया जाता हैं।
नवार्ण मन्त्र के शीघ्र प्रभावि प्रयोग आपके मार्गदर्शन हेतु दिये जारहे हैं।

चेतावनी:
नवार्ण मन्त्र का प्रयोग अति सावधानी से एवं योग्य गुरु, विद्वान ब्राह्मण अथवा जानकार की सलाह से करना चाहिए।

नवार्ण मोहन मन्त्र:
नवार्ण मोहन मन्त्र के बारह लाख जप करने का विधान हैं। इस प्रयोग को करने हेतु सात कुओं या नदियों का जल ताम्रकलश में लेकर उसमें आम के पत्ते डालकर नित्य उसी पानी से स्नान करना चाहिए। ललाट पर पीले चन्दन का तिलक करना चाहिए और शरीर पर पीले रंग के वस्त्र ही धारण करने चाहिए और पीले रंग के आसन का प्रयोग करना चाहिए। साधक को पश्चिम की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए। बारह लाख मन्त्र जपने से यह कार्य सिद्ध होता हैं।
नवार्ण मोहन मन्त्र:
क्लीं क्लीं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे (अमुकं) क्लीं क्लीं मोहनम् कुरु कुरु क्लीं क्लीं स्वाहा।
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नवार्ण उच्चाटन मन्त्र:
नवार्ण उच्चाटन मन्त्र के ……………..>>
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नवार्ण वशीकरण मन्त्र:
इस प्रयोग को बीस दिनो में संपन्न करने का विधान हैं। नदी, तालाब या कुएं के नवार्ण उच्चाटन मन्त्र के ……………..>>
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नवार्ण स्तंभन मन्त्र:
इस प्रयोग में साधक को पूर्व नवार्ण उच्चाटन मन्त्र के ……………..>>
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नवार्ण विद्वेषण मन्त्र:
इस प्रयोग में साधक को उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए। तथा काले रंग का ……………..>>
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नवार्ण महामन्त्र:
इस मन्त्र के उच्चारण मात्र से देवी मां प्रसन्न होती हैं। यह संपूर्ण नवार्ण महामंत्र हैं। ……………..>>
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संपूर्ण लेख पढने के लिये कृप्या गुरुत्व ज्योतिष -पत्रिका अक्टूबर-2011 का अंक पढें

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