Kalsarp Yog/ Kalasarp Yoga
काल का मतलब है मृत्यु जिस व्यक्ति का जन्म कालसर्प योग मे हुवा हो वह व्यक्ति जीवन भर मृत्यु के समान कष्ट भोगने वाला होता है
व्यक्ति जीवन भर कोइ ना कोइ समस्या से ग्रस्त होकर अशांत चित होता है।
कालसर्प योग मतलब क्या?
कालसर्प योग किस प्रकार बनता है और क्यों बनता हैं?
जब ७ ग्रह राहु और केतु के मध्य मे स्थित हो यह अच्छि स्थिति नहि है।
राहु और केतु के मध्य मे बाकी सब ग्रह आजाने से राहु केतु उनके प्रभावो को पकडके रखते है। तो कालसर्प योग बनता है, क्योकि ज्योतिष मे राहु को सर्प(साप) का मुह(मुख) एवं केतु को पूंछ कहा जाता है।
कालसर्प योग का प्रभाव क्य होता है?
जेसे किसी व्यक्ति को साप काट ले तो वह व्यक्ति शांति से नही बेठ सकता वेसे ही कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्ति जीवन पर्यन्त शारीरिक, मानसिक, आर्थिक परेशानी का सामना करना पडता है। विवाह विलम्ब से होता है एवं विवाह के पश्च्यात संतान से संबंधी कष्ट जेसे उसे संतान होती ही नहीं या होती है तो रोग ग्रस्त होती है। उसकी रोजी-रोटी का जुगाड़ भी बड़ी मुश्किल से हो पाता है। अगर जुगाड़ होजाये तो लम्बे समय तक टिकती नही है। बार-बार व्यवसाय या नौकरी मे बदलाव आते रेहते है। धनाढय घर में पैदा होने के बावजूद किसी न किसी वजह से उसे अप्रत्याशित रूप से आर्थिक क्षति होती रहती है। तरह तरह की परेशानी से घिरे रहते हैं। एक समस्या खतम होते ही दूसरी पाव पसारे खडी होजाती है। योग से व्यक्ति को चैन नही मिलता उसके कार्य बनते ही नही और बन भी तो जाये आधे मे रुक जाते है। 99% हो चुका कर्य भी आखरी पलो मे अकस्मात ही रुक जात है।
परंतु यह ध्यान रहे, कालसर्प योग वाले सभी जातकों पर इस योग का समान प्रभाव नही पड़ता। किस भाव में कौन सी राशि अवस्थित है और उसमें कौन-कौन ग्रह कहां बैठे हैं और देख रहे है उस्का प्रभाव बलाबल कितना है - इन सब बातों का भी संबंधित जातक पर भरपूर असर पड़ता है।
इसलिए मात्रा कालसर्प योग सुनकर भयभीत हो जाने की जरूरत नहीं बल्कि उसका जानकार या कुशल ज्योतिषी से ज्योतिषीय विश्लेषण करवाकर उसके प्रभावों की विस्तृत जानकारी हासिल कर लेना ही बुद्धिमत्ता है। जब असली कारण ज्योतिषीय विश्लेषण से स्पष्ट हो जाये तो तत्काल उसका उपाय करना चाहिए। उपाय से कालसर्प योग के कुप्रभावो को कम किया जा सकता है।
कालसर्प योग शांति के उपाय से संबंधित जानकारी हेतु गुरुत्व कार्यालय में संपर्क करें।
कालसर्प योग
काल का मतलब है मृत्यु जिस व्यक्ति का जन्म कालसर्प योग मे हुवा हो वह व्यक्ति जीवन भर मृत्यु के समान कष्ट भोगने वाला होता है
व्यक्ति जीवन भर कोइ ना कोइ समस्या से ग्रस्त होकर अशांत चित होता है।
कालसर्प योग मतलब क्या?
जब जन्म कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित रहते हैं तो उससे ज्योतिष विद्या के जानकार उसे कालसर्प योग कहते है।
कालसर्प योग किस प्रकार बनता है और क्यों बनता हैं?
जब ७ ग्रह राहु और केतु के मध्य मे स्थित हो यह अच्छि स्थिति नहि है।
राहु और केतु के मध्य मे बाकी सब ग्रह आजाने से राहु केतु उनके प्रभावो को पकडके रखते है। तो कालसर्प योग बनता है, क्योकि ज्योतिष मे राहु को सर्प(साप) का मुह(मुख) एवं केतु को पूंछ कहा जाता है।
कालसर्प योग का प्रभाव क्य होता है?
जेसे किसी व्यक्ति को साप काट ले तो वह व्यक्ति शांति से नही बेठ सकता वेसे ही कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्ति जीवन पर्यन्त शारीरिक, मानसिक, आर्थिक परेशानी का सामना करना पडता है। विवाह विलम्ब से होता है एवं विवाह के पश्च्यात संतान से संबंधी कष्ट जेसे उसे संतान होती ही नहीं या होती है तो रोग ग्रस्त होती है। उसकी रोजी-रोटी का जुगाड़ भी बड़ी मुश्किल से हो पाता है। अगर जुगाड़ होजाये तो लम्बे समय तक टिकती नही है। बार-बार व्यवसाय या नौकरी मे बदलाव आते रेहते है। धनाढय घर में पैदा होने के बावजूद किसी न किसी वजह से उसे अप्रत्याशित रूप से आर्थिक क्षति होती रहती है। तरह तरह की परेशानी से घिरे रहते हैं। एक समस्या खतम होते ही दूसरी पाव पसारे खडी होजाती है। योग से व्यक्ति को चैन नही मिलता उसके कार्य बनते ही नही और बन भी तो जाये आधे मे रुक जाते है। 99% हो चुका कर्य भी आखरी पलो मे अकस्मात ही रुक जात है।
परंतु यह ध्यान रहे, कालसर्प योग वाले सभी जातकों पर इस योग का समान प्रभाव नही पड़ता। किस भाव में कौन सी राशि अवस्थित है और उसमें कौन-कौन ग्रह कहां बैठे हैं और देख रहे है उस्का प्रभाव बलाबल कितना है - इन सब बातों का भी संबंधित जातक पर भरपूर असर पड़ता है।
इसलिए मात्रा कालसर्प योग सुनकर भयभीत हो जाने की जरूरत नहीं बल्कि उसका जानकार या कुशल ज्योतिषी से ज्योतिषीय विश्लेषण करवाकर उसके प्रभावों की विस्तृत जानकारी हासिल कर लेना ही बुद्धिमत्ता है। जब असली कारण ज्योतिषीय विश्लेषण से स्पष्ट हो जाये तो तत्काल उसका उपाय करना चाहिए। उपाय से कालसर्प योग के कुप्रभावो को कम किया जा सकता है।
कालसर्प योग शांति के उपाय से संबंधित जानकारी हेतु गुरुत्व कार्यालय में संपर्क करें।
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