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मंगलवार, अक्तूबर 25, 2011

दीपावली पूजन मुहूर्त (26-अक्तूबर-2011)

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दीपावली पूजन मुहूर्त (26-अक्तूबर-2011)
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (अक्टूबर-2011)

मां लक्ष्मी कि कृपा प्राप्त करने हेतु एवं उनका स्थायी निवास हो सके इस उद्देश्य से घर-दुकान-व्यवसायिक कार्यालय में दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन हेतु दिन के सबसे शुभ मुहूर्त को लिया जाता हैं. इस वर्ष दीपावली का पर्व बुधवार , 26 अक्तूबर, 2011 में कार्तिक मास कि अमावस्या, चित्रा एवं स्वाति नक्षत्र में, प्रीती योग में मनाया जायेगा. दीपावली के दिन अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, शुभ लग्न चौघा़डिया मुहूर्त विशेष का अत्याधिक महत्व होता हैंGURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH
26 अक्तूबर, 2011 के दिन सूर्योदयी नक्षत्र चित्रा, लेकिन रात्री 09:43:33 बजे बाद स्वाती नक्षत्र रहेगा, इस दिन सूर्योदयी योग विष्कुंभ संध्या 06:29:37 बजे बाद प्रीति योग रहेगा। सूर्योदयी करण चतुष्पाद दोपहर 03:19:36 बजे पश्चयात नाग करण रहेगा। सूर्योदय के समय चन्द्रमा कन्या राशि में दोपहर 11:16:00 बजे तुला राशि में भ्रमण करेगा। GURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH
प्रदोष काल 2 घण्टे एवं 24 मिनट का होता हैं। अपने शहर के सूर्यास्त समय अवधि से लेकर अगले 2 घण्टे 24 मिनट कि समय अवधि को प्रदोष काल माना जाता हैं। अलग- अलग शहरों में प्रदोष काल के निर्धारण का आधार सूर्योस्त समय के अनुशार निर्धारीत करना चाहिये।
दीपावली प्रदोष काल मुहूर्त अपने शहर के सूर्यास्त समय से 2 घन्टे 24 मिनट तक का समय शुभ मुहूर्त समय के लिये प्रयोग किया जाता हैं. इसे प्रदोष काल समय कहा जाता हैं। इस वर्ष 26 अक्तूबर, 2011 (दीपावली) को भारतीय समय अनुशार नई दिल्ली में सूर्यास्त संध्या 05 बज कर 42 मिनिट पर होगा। संध्या  05 बज कर 42 मिनिट से आरम्भ होकर रात के 08 बजकर 06 मिनट तक का समय प्रदोष काल रहेगा। GURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH
26 अक्तूबर, 2011 को प्रदोष काल में भी स्थिर लग्न (वृषभ राशि) हो रहा हैं, स्थिर लग्न का समय सबसे उतम माना जाता हैं। दिपावली के दिन प्रदोष काल व स्थिर लग्न दोनों का संयोग संध्या 06:46:37 बजे से लेकर रात्री 08:42:04 बजे तक का समय रहेगा। प्रदोष काल के दौरान संध्या 07:20 बजे से 08:58 बजे तक शुभ चौघडिया होने से मुहुर्त की शुभता में वृद्धि होती हैं। GURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH
जिसमें विशेष रूप से श्री गणेशपूजन, श्री महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, व्यापारिक खातों का पूजन, दीपदान एवं ……………..>>
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दीपावली चौघडियां मुहूर्त
दीपावली चौघ़डिया मुहूर्त समय ……………..>>
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लक्ष्मी पूजा मुहूर्त दीपावाली के दिन
·         लाभ मुहूर्त सुबह में 6:13:50 से 7:40:53 तक
·         अमृत मुहूर्त सुबह में 7:40:53 से 09:07:57 तक
·         शुभ मुहूर्त दोपहर में ……………..>>
·         चर मुहूर्त दोपहर में 02:56:12 से 04:23:16 तक
·         लाभ मुहूर्त दोपहर में ……………..>>
·         शुभ मुहूर्त संध्या में 07:23:16  से 08:56:12 तक
·         शुभ मुहूर्त संध्या में 07:23:16  से 08:56:12 तक
·         अमृत मुहूर्त रात में ……………..>>
·         चर मुहूर्त रात में 10:29:08 से रात 12:02:04 तक
नोट: उपरोक्त वर्णित सूर्यास्त का समय निरधारण नई दिल्ली के अक्षांश रेखांश के अनुशार आधुनिक पद्धति से किया गया हैं। इस विषय में विभिन्न मत एवं सूर्यास्त ज्ञात करने का तरीका भिन्न होने के कारण सूर्यास्त समय का निरधारण भिन्न हो सकता हैं। सूर्यास्त समय का निरधारण स्थानिय सूर्यास्त के अनुशार हि करना उचित होगा।

संपूर्ण लेख पढने के लिये कृप्या गुरुत्व ज्योतिष -पत्रिका अक्टूबर -2011 का अंक पढें।
इस लेख को प्रतिलिपि संरक्षण (Copy Protection) के कारणो से यहां संक्षिप्त में प्रकाशित किया गया हैं।
>> गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (अक्टूबर -2011)
OCT-2011





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सोमवार, अक्तूबर 24, 2011

धन प्राप्ति हेतु महालक्ष्मी मंत्र

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धन प्राप्ति हेतु महालक्ष्मी मंत्र
मंत्र :
1.   श्री महालक्ष्म्यै नमः।
2.     श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये।
3.     श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
4.     ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।
5.     श्रीं श्रियै नमः।
6.     ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
7.     धन लाभ एवं समृद्धि मंत्र
श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ । 
8.      अक्षय धन प्राप्ति मंत्र
            श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ह्रीं ह्रीं ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री

कैसे करें मंत्र जाप :-
धनतेरस या दीपावली के दिन संकल्प लेकर प्रातःकाल स्नान करके पूर्व या उत्तर दिशा कि और मुख  करके लक्ष्मी कि मूर्ति या चित्र की पंचोपचार या दक्षोपचार या षोड्षोपचार से पूजा करें। GURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH
शुद्ध-पवित्र आसन ग्रहण कर स्फटिक कि माला से मंत्र का जाप ,,,११ माला जाप पूर्ण कर अपने कार्य उद्देश्य कि पूर्ति हेतु मां लक्ष्मी से प्राथना करें।  

अधिकस्य अधिकं फलम्।
जप जितना अधिक हो सके उतना अच्छा है। यदि मंत्र अधिक बार जाप कर सकें तो श्रेष्ठ। GURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH

प्रतिदिन स्नान इत्यादिसे शुद्ध होकर उपरोक्त किसी एक लक्ष्मी मंत्र  का जाप 108 दाने कि माला से कम से कम एक माला जाप अवश्य करना चाहिए। GURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH
उपरोक्त  मंत्र के विधि-विधान के अनुसार जाप करने से मां लक्ष्मी कि कृपा से व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है और निर्धनता का निवारण होता है। GURUTVA KARYALAY | GURUTVA JYOTISH


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