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राम एवं हनुमान मंत्र
राम गायत्री मंत्र:
ॐ दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धी महि॥
तन्नो रामः प्रचोदयात्॥
श्री राम मूल मंत्र:
ॐ ह्रां ह्रीं रां रामाय नमः॥
श्री राम तारक मंत्र:
ॐ जानकीकांत तारक रां रामाय नमः॥
राम मंत्र
रां रामय नमः।
फल: छः लाख मंत्र जप करने से यह मंत्र सिद्धि होता हैं और इस्से साधक की राम में भक्ति दृढ़ होती हैं।
भगवान राम का मंत्र:
ॐ रामाय नमः।
दशाक्षर राम मंत्र:
हुं जानकी वल्लभाय स्वाहा।
फल: यह मंत्र दस लाख जपने से सिद्ध होत हैं और यह मंत्र सभी प्रकार से साधक को सफलता एवं मोक्ष प्रदान करने में सहायक हैं।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।
इस मंत्र को नियमित स्नान इत्यादि से निवृत होकर स्वच्छ कपडे पहन कर 108 बार जाप करने से व्यक्ति को जीवन मे समस्त भौतिक सुखो एवं मोक्ष प्राप्ति होती हैं।
हनुमत् गायत्री मंत्र:
ॐ अंजनीजाय विद्महे वायुपुत्राय धी महि॥
तन्नो हनुमान प्रचोदयात्॥
श्री हनुमान मूल मंत्र:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥
द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र:
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
फल: से इस मंत्र के बारे शास्त्रो में वर्णित हैं की यह मंत्र स्वतंत शिवजी ने श्रीकृष्ण को बताया और श्रीकृष्ण नें यह मंत्र अर्जुन को सिद्ध करवाया था जिस्से अर्जुन ने चर-अचर जगत् को जीत लिया था।
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