Search

Shop Our products Online @

www.gurutvakaryalay.com

www.gurutvakaryalay.in


मंगलवार, अक्तूबर 13, 2015

आश्विन नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त, विधि-विधान (13-अक्टूबर-2015)

आश्विन नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त, विधि-विधान (13-अक्टूबर-2015)
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (अक्टूबर -2015)
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा अर्थात नवरात्री का पहला दिन। इसी दिन से ही आश्विनी नवरात्र का प्रारंभ होता हैं। जो अश्विन शुक्ल नवमी को समाप्त होते हैं, इन नौ दिनों देवि दुर्गा की विशेष आराधना करने का विधान हमारे शास्त्रो में बताया गया हैं। परंतु इस वर्ष 2015 प्रथमा तिथि की वृद्धि होने के कारण नवरात्र नौ दिन की जगह दस दिनो के होंगे।
घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर 2015, मंगलवार के दिन सुबह 06:32 से 10:21 तक चित्रा नक्षत्र एवं वृद्धि योग में रहेगा। चित्रा नक्षत्र दिनभर रहेगा, इस दिन चित्रा नक्षत्र एवं वृद्धि योग होने से भी घटस्थापना मुहूर्त को टाला नहीं जा सकता है, विद्वानों का मानना हैं की चित्रा नक्षत्र एवं वृद्धि योग से बचने की सलाह दी जाती हैं, लेकिन उसका निषिद्ध नहीं हैं! इसलिए घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त सूर्योदय से सुबह 06:32 से 10:21 तक में करना शुभ रहेगा।
पारंपरिक पद्धति के अनुशास नवरात्रि के पहले दिन घट अर्थात कलश की स्थापना करने का विधान हैं। इस कलश में ज्वारे(अर्थात जौ और गेहूं ) बोया जाता है।
घट स्थापनकी शास्त्रोक्त विधि इस प्रकार हैं।
घट स्थापना आश्विन प्रतिपदा के दिन कि जाती हैं।
घट स्थापना हेतु सबसे शुभ अभिजित मुहुर्त माना गया हैं। जो 13 अक्टूबर 2015 को दिन 11:52 से दिन 12:38 बजे के बीच है।  

इस वर्ष प्रतिपदा तिथि अगले दिन सुबह 08:02:15 बजे तक रहने के कारण आज के दिन घटस्थापना हेतु अन्य शुभ मुहूर्त भी उत्तम रहेगा।
घट स्थापना के अन्य शुभ मुहूर्त सुबह 09:24 से 10:50 तक चर चौघडिया, लाभ चौघडिया 10:50 से दोपहर 12:15 बजे तक, अभिजित मुहुर्त दिन 11:52 से दिन 12:38 बजे तक, दोपहर 12:15 से दोपहर 01:41 तक अमृत चौघडिया, दोपहर 03:07 से 04:32 बजे तक शुभ चौघडिया मुहूर्त रहेगा।
 कुछ जानकार विद्वानो का मत हैं की नवरात्र स्वयं अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहुर्त होने के कारण इस तिथि में व्याप्त समस्त दोष स्वतः नष्ट हो जाते हैं इस लिए घट स्थापना प्रतिपदा के दिन किसी भी समय कर सकते हैं।
यदि ऎसे योग बन रहे हो, तो घट स्थापना दोपहर में अभिजित मुहूर्त या अन्य शुभ मुहूर्त में करना उत्तम रहता हैं।

कलश स्थापना हेतु अन्य शुभ मुहूर्त
•    चर चौघडिया सुबह 09:24 से 10:50 बजे तक
•    लाभ चौघडिया दिन 10:50 से दिन 12:15 बजे तक,
•    अभिजित मुहूर्त दिन 11:52 से दिन 12:38 बजे तक
•    अमृत मुहूर्त दिन 12:15 से दोपहर 01:41 बजे तक
•    शुभ मुहूर्त दोपहर 03:07 से 04:32 बजे बजे तक के मुहूर्त घट स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे।
घट स्थापना हेतु सर्वप्रथम स्नान इत्यादि के पश्चयात गाय के गोबर से पूजा स्थल का लेपन करना चाहिए। घट स्थापना हेतु शुद्ध मिट्टी से वेदी का निर्माण करना चाहिए, फिर उसमें जौ और गेहूं बोएं तथा उस पर अपनी इच्छा के अनुसार मिट्टी, तांबे, चांदी या सोने का कलश स्थापित करना चाहिए।
यदि पूर्ण विधि-विधान से घट स्थापना करना हो तो पंचांग पूजन (अर्थात गणेश-अंबिका, वरुण, षोडशमातृका, सप्तघृतमातृका, नवग्रह आदि देवों का पूजन) तथा पुण्याहवाचन (मंत्रोंच्चार) विद्वान ब्राह्मण द्वारा कराएं अथवा अमर्थता हो, तो स्वयं करें।
पश्चयात देवी की मूर्ति स्थापित करें तथा देवी
प्रतिमाका षोडशोपचारपूर्वक पूजन करें। इसके बाद श्रीदुर्गासप्तशती का संपुट अथवा साधारण पाठ करना चाहिए। पाठ की पूर्णाहुति के दिन दशांश हवन अथवा दशांश पाठ करना चाहिए।
घट स्थापना के साथ दीपक की स्थापना भी की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं तथा उसका गंध, चावल, पुष्प से पूजन करना चाहिए।

पूजन के समय इस मंत्र का जप करें-

भो दीप ब्रह्मरूपस्त्वं ह्यन्धकारनिवारक।
इमां मया कृतां पूजां गृह्णंस्तेज: प्रवर्धय।।


नोट: उपरोक्त वर्णित मुहूर्त को सूर्योदय कालिन तिथि या समय का निरधारण नई दिल्ली के अक्षांश रेखांश के अनुशार आधुनिक पद्धति से किया गया हैं इस विषय में विभिन्न मत एवं सूर्योदय ज्ञात करने का तरीका भिन्न होने के कारण सूर्योदय समय का निरधारण भिन्न हो सकता हैं सूर्योदय समय का निरधारण स्थानिय सूर्योदय के अनुशार हि करना उचित होगा
इस लिए किसी भी मुहूर्त का चयन करने से पूर्व किसी विद्वान व जानकार से इस विषय में सलाह विमर्श करना उचित रहेगा।

संपूर्ण लेख पढने के लिये कृप्या गुरुत्व ज्योतिष -पत्रिका अक्टूबर-2015 का अंक पढें।
इस लेख को प्रतिलिपि संरक्षण (Copy Protection) के कारणो से यहां संक्षिप्त में प्रकाशित किया गया हैं।

GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE Oct-2015
(File Size : 7.52 MB)
(If you Show Issue with this link Click on  Below Link)

इससे जुडे अन्य लेख पढें (Read Related Article)


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें