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सोमवार, जुलाई 26, 2010

दरिद्रता निवारक शिव स्तोत्र

दरिद्रता निवारण हेतु शिव स्तोत्र, daridrata nivaran hetu shiva stotra, daridrata nivarak shiva strotra, shiv stotra For Poverty Ending

॥दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं॥

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय कणामृताय शशिशेखरधारणाय।
कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥१॥

गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय।
गंगाधराय गजराजविमर्दनाय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥२॥

भक्तिप्रियाय भवरोगभयापहाय उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय।
ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनृत्यकाय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥३॥

चर्मम्बराय शवभस्मविलेपनाय भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय।
मंझीरपादयुगलाय जटाधराय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥४॥

पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय हेमांशुकाय भुवनत्रयमण्डिताय।
आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥५॥

भानुप्रियाय भवसागरतारणाय कालान्तकाय कमलासनपूजिताय।
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥६॥

रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय।
पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥७॥

मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय गीतप्रियाय वृषभेश्वरवाहनाय।
मातङ्गचर्मवसनाय महेश्वराय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय॥८॥

वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्वरोगनिवारणं। सर्वसंपत्करं शीघ्रं पुत्रपौत्रादिवर्धनम्।
त्रिसंध्यं यः पठेन्नित्यं स हि स्वर्गमवाप्नुयात्॥९॥

॥इति वसिष्ठ विरचितं दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रं सम्पूर्णम्॥

फल: एसा शास्रोक्त वचन हैं जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से तीनोकाल सुबह, संध्या एवं रात्री के समय दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं का पाठ करते उनके दुख एवं सर्व रोग का निवारण होकर उसे, संपत्ति एवं संतान लाभ प्राप्त होता हैं।
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