shravan somavar vrat kese kare
श्रावण सोमवार व्रत कैसे करें?
श्रावण सोमवार के व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान हैं।
विद्वानो के अनुसार श्रावण सोमवार का व्रत-पूजन-विधि इस प्रकार हैं।
श्रावण सोमवार के दिव व्रत करने वाले व्यक्ति को सूर्योदय के समय से व्रत प्रारंभ कर लेना चाहिये एवं दिन में एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए। व्रत के दिन शिव पार्वति कि पूजा अर्चना के उपरांत व्रत कि समाप्ति से पूर्व सोमवार व्रत की कथा सुनने का विधान हैं।
श्रावण सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर।
पूरे घर की साफ-सफाई कर स्नान इत्यादि से निवृत्त हो कर।
पूरे घर में गंगा जल छिड़कें।
घर में पूजा स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पूजन कि सारी तैयारी होने के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये'
इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्॥
ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र से शिवजी का तथा 'ॐ नमः शिवायै' मंत्र से पार्वतीजी का षोडशो उपचार से पूजन करना चाहिये।
पूजन के पश्चात श्रावण सोमवार व्रत कथा सुनें।
तत्पश्चात आरती कर प्रसाद बाटदे।
इसकें पश्चयात हि भोजन या फलाहार ग्रहण करना चाहिये ।
श्रावण सोमवार व्रत का फल
सोमवार व्रत उपरोक्त विधि से करने पर भगवान शिव तथा माता पार्वती कि कृपा बनी रहती हैं।
व्यक्ति का जीवन सुख समृद्धि एवं एश्वर्य युक्त होकर व्यक्ति के समस्त संकटो नाश हो जाते हैं।
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