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परिक्षा में सफलता प्राप्ति हेतु
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (फरवरी-2011)
• रोज सुभह स्नान आदिसे निवृत होकर स्वच्छ कपडे पहन कर अपने इष्ट के सम्मुख ३ अगरबत्ती जलाकर अपनी मनोकामना हेतु उनसे प्राथना करे। उसके बाद ही पढाई आरंभ करें।
• कोई भी एक सरस्वती मंत्र के ३,५ मिनिट जाप कर के अपनी पढाई शुरु करें।
सरस्वती मूल मंत्र - ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।
सरस्वती मंत्र - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
सरस्वती गायत्री मंत्र -
१ - ॐ सरस्वत्यै विधमहे, ब्रह्मपुत्रयै धीमहि । तन्नो देवी प्रचोदयात।
२ - ॐ वाग देव्यै विधमहे काम राज्या धीमहि । तन्नो सरस्वती: प्रचोदयात।
• अन्य सभी जानकारी आपको पूर्व के ईमेल में उपल्बध करादी गई हैं।
• परिक्षा (Exam) के दिन परिक्षा हेतु जाने से पूर्व भी इष्ट के सम्मुख ३ अगरबत्ती जलाकर अपनी मनोकामना हेतु उनसे प्राथना करे।
• परिक्षा (Exam) के लिये जाने से पूर्व दहीं+चिनी(मिश्री) अथवा गुड खाकर निकले।
• परिक्षा के दिन कपडे पहनते समय शर्ट हो या पेंट अपना दाहीना (Right) हाथ एवं दाहिना (Right) पैर शर्ट पेन्ट में पेहले डाले।
• जुते एवं मोजे पहनते समय भी पहले जुते या मोजे दाहिना (Right) पैर में पहने।
• विद्वानो के अनुशार कमरे से बाहर निकलते समय दाहिना (Right) पैर पहले बाहर निकाले। परीक्षा कक्ष में भी पहले दाहिना (Right) पैर बढ़ा कर प्रवेश करें।
• स्वर शास्त्र के अनुसार परीक्षा में जाते समय आपका जो स्वर चल रहा हो, उसी के अनुरूप पैर पहले बाहर निकालें। परीक्षा कक्ष में भी स्वर के अनुरूप ही पैर बढ़ा कर प्रवेश करें।
• परीक्षा हेतु जाते समय प्रात: आधा किलो दूध मंदिर में देने से परीक्षा में सफलता मिलती है।
• परीक्षा पत्र का उत्तर लिखने से पूर्व गणेश जी का स्मरण करते हुए 11 बार “गं गणपतये नम:” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से परीक्षा में सफलता अवश्य मिलती है।
नोट: स्वर चलना अर्थात: नाक के जिस छिद्र से श्वास चल रहा हो उसे स्वर चलना कहते हैं।
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