worship Saraswati are made to Intelligent children?
सरस्वती पूजन से बच्चे बनते हैं महाबुद्धिमान?
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (फरवरी-2011)
हिन्दू परंपरामें देवी शक्ति के तीन रूपों दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है। देवी सरस्वती को विद्या, बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी माना जाता हैं। अतः इनके पूजन से देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होने पर व्यक्ति को विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होकर उसके चरित्र एवं व्यक्तित्व का विकास होता हैं।
शास्त्रो के जानकारे एवं विद्वानो के मत से विद्या प्राप्त होने पर व्यक्ति में विनम्रता आती हैं, विनम्रता से पात्रता बढती हैं और पात्रता बढने से धन-संपत्ती बढती हैं। अर्थात देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होने पर व्यक्ति मानसिक रूप से दृढ संकल्पी एवं मजबूत बनता हैं।
माघ शुक्ल की पंचमी अर्थातः वसंत पंचमी के दिन सरस्वतीजी के पूजन का विशेष महत्व होता हैं। वसंत पंचमी के दिन देवी का पूजन बहुत शुभ एवं लाभदायक माना जाता हैं। बुद्धि और विद्या की कामना एवं सफलता प्राप्ति हेतु वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा अत्यंत लाभदायक रहती हैं।
वसंत पंचमी के दिन सरस्वतीजी की कृपा प्राप्ति हेतु विशेष पूजा विधि और विशेष प्रार्थना
वसंत पंचमी की सुबह स्नान के पश्चयात पवित्र आचरण, स्वच्छ कपडे पहन कर देवी सरस्वती का पूजन करें।
पूजन के लिए गंध, अक्षत (अखंडित चावल), सफेद और पीले रंग के फूल, सफेद चंदन, सफेद वस्त्र अर्पित कर देवी सरस्वती का पूजन करें।
देवी सरस्वती को खीर, दूध, दही, घी, मिश्री, फल, सफेद तिल के लड्डू, नारियल का प्रसाद चढ़ाएं।
पश्चयात देवी सरस्वती की इस स्तुति कर देवी से विद्या, बुद्धि और ज्ञान प्राप्ति की कामना करते हुए घी का दीप जलाकर देवी सरस्वती की आरती करें।
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥2॥
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