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शनिवार, नवंबर 24, 2018

मंत्र सिद्ध काली हल्दी के विभिन्न लाभ

मंत्र सिद्ध काली हल्दी के विभिन्न लाभ
Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्यगुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018) 
विद्वानों का कथन हैं की ईश्वर की कृपा प्राप्ति हेतु एवं वांछित कार्य में सिद्धि की प्राप्ति एवं मनोकामना पूर्ति हेतु मंत्र, यंत्र और तंत्र के अनेक उपायो का वर्णन हिन्दूं धर्मग्रंथों में मिलता हैं।
आज के भौतिक युग में हर कार्य अर्थ (धन) के उपर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुपसे निर्भर होता हैं इस लिये प्रत्येक व्यक्ति कि यही इच्छा होती हैं कि उसके पास भी इतना धन हो कि वह अपने जीवन में समस्त भौतिक सुखो को भोग ने में समर्थ हों। हर व्यक्ति की चाह होती हैं की उसकी धन-संपत्ति दिन दोगुनी रात चौगुनी बढती रहें !
हिन्दू धर्म में धन और ऐश्वर्य की देवी मां महालक्ष्मी हैं जो धन, समृद्धि एवं ऐश्वर्य प्रदान करती हैं। इस लिए माँ महालक्ष्मी की प्रसन्नता एवं कृपा से धन, समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति के सरल उपाय तंत्र शास्त्र में बताये गये हैं।
भारतीय परंपरा में हल्दी का विशेष महत्व बताया गया हैं, हल्दी का उपयोग प्रायः सभी व्यक्ति के जीवन में भोजन के अलावा अधिक्तर आध्यात्मिक औषधि के रुप में भी होता हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र में हल्दी के प्रयोगो से धन प्राप्ति संभव हैं!
हिन्दू संस्कृति में हल्दी को अत्यंत शुभ एवं गुणकारी माना जाता हैं इस लिए हल्दी का प्रयोग भोजन औषधि के अलावा मांगलित कार्य, देवी-देवताओं के पूजन-अर्चन इत्यादि में विशेष रुप से प्रयोग किया जाता हैं। अधिकतर लोगों ने हल्दी केवल पीले रंग की ही देखी होगी। क्योकि पीली हल्दी का प्रयोग हर घरों में मसालों के रुप में प्रयोग होता ही हैं, इस लिए पीली हल्दी बाजारों में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
लेकिन हल्दी काले रंग की भी प्राप्त होती हैं। काली हल्दी को तंत्र शास्त्रों में अधिक दुर्लभ और देवीय गुणों से युक्त माना गया हैं। काली हल्दी औषधिय गुणों से भरपूर होती हैं, इसलिए इस का प्रयोग तंत्र प्रयोगो के अलावा औषधि के निर्माण इत्यादि में भी विशेष रुप से किया जाता हैं।
तंत्र विद्या के जानकार मानते हैं की धन प्राप्ति हेतु काली हल्दी एक अद्भुत चमत्कारी प्रभावों से युक्त होती हैं, उनका मानना हैं की काली हल्दी के विधि-विधान से पूजन से व्यक्ति असीम धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य प्राप्त करने में समर्थ हो सकता हैं।
हल्दी को हरिद्रा भी कहा जाता है। तंत्र विद्या के जानकारों का तो यहां तक मानना हैं की असली काली हल्दी प्राप्त होना सौभाग्य की बात हैं। जिस घर में काली हल्दी का पूजन होता हो वह घर में निवास कर्ता सौभाग्यशाली होते हैं।
ऐसी धार्मिक मान्यता हैं की अक्षय तृतीया, धनत्रयोदशी, दीपावली, ग्रहण, गुरु पुष्यामृत योग, त्रिपुष्कर योग, द्विपुष्कर योग, कार्य सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग आदि किसी शुभ मुहूर्त में काली हल्दी को अपने पूजा स्थान में स्थापित कर उसका नियमित पूजन करने से काली हल्दी का चमत्कारी प्रभाव आश्चर्यजन रुप से अति शीघ्र प्राप्त होता हैं।

धन प्राप्ति प्रयोग
v    काली हल्दी को अपने पूजन स्थान में लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा या चित्र के पास स्थापित कर उसका विधिवत पूजन करें।
v    विद्वानों का अनुभव हैं की काली हल्दी को घर में स्थापित कर पूजन करने से घर में निरंतर सुख-शांति की वृद्धि होने लगती है।
v    तंत्र शास्त्र के जानकारों का कथन हैं की काली हल्दी के नियमित पूजन से व्यक्ति को कभी पैसा की कमी नहीं होती।
v    काली हल्दी की गांठ को चांदी, स्टील या प्लास्टिक की डिब्बी में रख कर प्रति-दिन देवी-देवता के साथ धूप-दीप से पूजन करें।
v    काली हल्दी की गांठ को सोने या चांदी के सिक्के के साथ लाल वस्त्र में बांधकर पोटली बना कर उसे अन्य देव प्रतिमाओं के साथ पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। (सोने या चांदी के सिक्के हो तो रुपये-पैसे के नये सिक्के के साथ रखा जा सकता हैं)
v    काली हल्दी की पोटली को को अपने गल्ले (कैश बॉक्स), तिजोरी आदि में भी रख सकते हैं। विद्वानों का अनुभव हैं की काली हल्दी के पूजन से धन से संबंधित समस्याएं दूर होती है, रोजगार में वृद्धि होती हैं।
v    काली हल्दी के प्रभाव से नकारात्मक उर्जा को दूर किया जा सकता है।  
v    किसी शुभ मुहूर्त में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर धूप-दीप से पूजन कर लाल कपड़े में एक सिक्के के साथ बांधर तिजोरी या गल्ले में रखने से धन की वृद्धि होने लगती है।

प्रबल धन प्राप्ति प्रयोग
प्रबल धन की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को मंत्र सिद्ध 11 गोमती चक्र, 11 पीली कौडिय़ां और काली हल्दी के 11 टुकड़ों को दीपावली या धनत्रयोदशी आदि शुभ अवसर पर पूजन के समय मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के साथ स्थापित कर विधिवत पूजन करने से शीघ्र विशेष लाभ की प्राप्ति होती हैं। पूजन के पश्चयात गोमती चक्र, कौडि और हल्दी के टुकड़ों को पीले कपड़े में बांध कर पोटली बना कर अपनी तिजोरी या गल्ले में रखलें। नियमित यथा संभव लक्ष्मी मंत्र का जप करते रहें। इस विधि से पूजन करने से धन संबंधित रुकावट शीघ्र दूर होने लगती हैं और परिवार में निरंतर धन, सुख, समृद्धि में वृद्धि होती हैं।
यदि व्यवसाय में निरन्तर लाभ के स्थान पर घाटा हो रहा हो तो भी यह प्रयोग अत्यंत लाभप्रद होता हैं।

कार्य सिद्धि प्रयोग
v    काली हल्दी के टुकड़े पर मौली लगाकर गूगल और लोबान के धूप से शोधन करके अपने पूजा स्थान में रखदें, किसी महत्वपूर्ण कार्य पर जाते समय उसे हमेंशा अपनी जेब के उपरी हिस्से में या बैग में रखें, इस प्रयोग से कार्य बिना किसी बाधा विध्न के पूर्ण होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं। 
v    किसी नये कार्य या महत्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय काली हल्दी को चंदन की तरह घीस कर उसका तिलक लगाकर जाने से कार्य में सफलता प्राप्त होने की संभावना प्रबल हो जाती हैं। विद्वानों का अनुभव हैं की नौकरी व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह प्रयोग अत्यंत लाभप्रद सिद्ध होता हैं।

तांत्रिक प्रभाव निवारण प्रयोग
यदि किसी व्यक्ति पर टोने-टोटके आदि तांत्रिक प्रभाव हो तो उसे काली हल्दी के छोड़े टुकड़े को छेद करके धागा में पिरोकर या किसी ताविज में भर कर धारण करवाया जाये तो शीघ्र ही अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल सकती हैं। कुछ विद्वानों का अनुभव हैं की काली हल्दी को नवग्रह मंत्र से अभिमंत्रित कर धारण करने से ग्रह जनित पीड़ाएं दूर होती हैं।

आकर्षण प्रयोग
विद्वानों का मत हैं की काली हल्दी को तंत्र शास्त्र में वशीकरण में अत्यंत लाभ प्रद जड़ी बूटी माना जाता है। तंत्र विद्या के जानकारों का मानना हैं की काली हल्दी में अद्भुत आकर्षण शक्ति होने के कारण वशीकरण आदि में भी काली हल्दी का प्रयोग विशेष लाभप्रद होता हैं।
प्रतिदिन काली हल्दी का तिलक लगाने से सभी प्रकार के इच्छित मनुष्यों का आकर्षण हो सकता हैं। काली हल्दी का तिलक एक अत्यंत सरल तंत्रोक्त प्रयोग है।
विशेष नोट: आकर्षण या वशीकरण हेतु काली हल्दी का प्रयोग करने से पूर्व काली हल्दी को किसी योग्य जानकार विद्वा से वशीकरण मंत्र से अभिमंत्रित एवं मंत्र सिद्ध अवश्य करवालें।
* आकर्षण प्रयोग केवल शुभ उद्देश्य हेतु लाभप्रद होता हैं, अनैतिक कार्य या उद्देश्य हेतु किया गया आकर्षण प्रयोग निश्चित रुप से अत्याधिक हानी कारक सिद्ध होता हैं।

स्वास्थ्य वर्धक प्रयोग
यदि कोई व्यक्ति हमेंशा बिमार या अस्वस्थ रहता हो, तो किसी भी गुरूवार से यह प्रयोग प्रारंभ कर के तीन गुरुवार तक प्रयोग करें। गेहूं के आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें थोडी गीली चीने की दाल, थोड़ा गुड़ और थोड़ी सी पिसी हुइ काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से सात बार घड़ी की दिशा (दक्षिणावर्त/Clockwise) में उतार कर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार तीन गुरूवार करने से विशेष लाभ दिखने लगता हैं।

नजर रक्षा प्रयोग
v    यदि किसी को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में काली हल्दी को बांधकर सात बार नज़र लगे व्यक्ति या बच्चे के उपर से घड़ी की दिशा (दक्षिणावर्त/Clockwise) में उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें या किसी विरान जगह में फैक दें।
v    यदि किसी के कार्य या व्यवसायीक स्थान पर बार-बार किसी की नज़र लग गई हो तो काली हल्दी को काले कपड़े में बांधकर दोनों हाथों से पूरे कार्य स्थल के भितर सात बार घूमाकर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें या किसी विरान जगह में फैक दें।
v    नज़र रक्षा के लिए काली हल्दी पर मौली लपेट कर पीले कपड़े में बांधकर अपने व्यवसायीक स्थान के मुख्य द्वा पर लटका दें। इस प्रयोग से नज़र से रक्षा होगी एवं धन की वृद्धि भी होती रहेगी।

ग्रह शांति प्रयोग
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में गुरू और शनि दोनो पीड़ित हो, तो ग्रह शांति हेतु किसी शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी को चंदन की तरह घीस कर तिलक लगाने से यह प्रयोग दोनों पीड़ित ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं।
धन संचय हेतु प्रयोग
कुछ लोगों की आमदनी उत्तम होने के उपरांत भी धन संचय नहीं कर पाते। उन्हें किसी भी शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को एक चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर लाल रंग का सिन्दूर को साथ में मिलाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। इस प्रयोग के प्रभाव से धन संचय होने लगता हैं।
*चांदी की डिब्बी उपलब्ध हो तो स्टील या प्लास्टिक की डिब्बी का प्रयोग करें। डिब्बी को स्थापित करने हेतु शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार के अलावा अक्षय तृतीया, धनत्रयोदशी, दीपावली का मुहूर्त भी शुभ होता हैं।)
मशीनों को खराबी से बचाने हेतु प्रयोग
यदि व्यवसाय या उद्योग में मशीनों में बार-बार खराबी होती रहती हों, तो कालीहल्दी को चंदन की तरह केशर गंगा जल मिलाकर घीस कर शुक्लपक्ष के प्रथम बुधवार को मशीन पर स्वास्तिक बना दें। इस प्रयोग से से मशीन बार-बार खराब नहीं होती।
मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति हेतु प्रयोग
दीपावली के दिन काली हल्दी और एक चांदी का सिक्का पीले वस्त्रों में लपेट कर उसे धन रखने के स्थान पर रख दें। इस प्रयोग को अगली दिपावली पर पुनः इसी प्रकार करें इस प्रयोग से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
असली नकली की परख
यह काली हल्दी का रंग जब यह हरी होती हैं तब अंदर से हल्के नीले रंग की होती हैं वह सुख ने पर अंदर से गहरे कत्थई या काले रंग की हो जाती हैं। लेकिन असली काली हल्दी पूर्णतः काजल के समान काली नहीं होती, बाजारों में एकदम काजल के समान काली हल्दी मिल जाती हैं, जिसे काले रंग की स्याही या रंग आदि से रंग में डूबा कर तैयार किया जाता हैं। इस प्रकार की हल्दी को प्रायः तेल में भिगो कर कुमकुम सिंदूर आदि से लेप कर बेचा जाता हैं जिससे उसकी नकली होने की बात साधरण व्यक्ति को आसानी से नहीं चलती। लेकिन इस में कपूर से मिलती झुलती सुगन्ध नहीं होती।
असली काली हल्दी की सुगन्ध कपूर से मिलती-झुलती होती हैं यही असली काली हल्दी की पहचान हैं। असली काली हल्दी अंदर से ही गहरे रंग की या काले रंग की होती हैं उपर से नहीं उसका उपर का हिस्सा अदरख के उपरी हिस्से के समान कत्थई रंग से मिलता झुलता होता हैं।
तंत्र विद्या के जानकारों का मत हैं की किसी भी तंत्र प्रयोग को करने पर उससे प्राप्त होने वाले फल केवल प्रयोग कर्ता के आत्मविश्वास और श्रद्धा पर ही निर्भर करते हैं। तंत्र प्रयोग में किसी भी प्रकार की शंका अथवा संदेह होने पर तंत्र के प्रयोग नहीं करने चाहिए। शंका संदेह भाव से किये गये प्रयोगों का फल नगण्य या प्राप्त नहीं होता हैं।
पाठको के मार्गदर्शन हेतु उपर काली हल्दी के असली व नकलीं चित्र उपर दिये गये हैं।
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
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Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्यगुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018) 

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