धन प्राप्ति का अचूक उपाय स्फटिक श्रीयंत्र का पूजन
Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्य: गुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018)
आज के भौतिक युग में अर्थ (धन) जीवन कि मुख्य आवश्यक्ताओं में से एक है। धनाढ्य व्यक्तिओं की जीवनशैली को देखकर प्रभावित होते हुवे साधारण व्यकि की भी कामना होती हैं, कि उसके पास भी इतना धन हो कि वह अपने जीवन में समस्त भौतिक सुखो को भोग ने में समर्थ हों। एसी स्थिमें मेहनत, परिश्रम से कमाई करके धन अर्जित करने के बजाय कुछ लोग अल्प समय में ज्यादा कमाने कि मानसिकता के कारण कभी-कभी गलत तरीकें अपनाते हैं।
जिसके फल स्वरुप एसे लोग धन का वास्तविक सुख भोगने से वंचित रह जाते हैं और रोग, तनाव, मानसिक अशांति जेसी अन्य समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं।
जहां गलत तरीकें से कमाये हुवे धन के कारण समाज एसे लोगो को हीन भाव से देखते हैं। जबकि मेहनत, परिश्रम से कामाये हुवे धन से स्वयं का आत्मविश्वास बढता हैं एवं समाज में प्रतिष्ठा और मान सम्मान भी सरलता से प्राप्त हो जाता हैं।
जो व्यक्ति धार्मिक विचार धाराओं से जुडे हो वह इश्वर में विश्वार रखते हुवे स्वयं कि मेहनत, परिश्रम के बल पर कमाये हुवे धन को हि सच्चा सुख मानते हैं। धर्म में आस्था एवं विश्वास रखने वाले व्यक्ति के लिये मेहनत, परिश्रम करने के उपरांत अपनी आर्थिक स्थिमें उन्नति एवं लक्ष्मी को स्थिर करने हेतु, श्री यंत्र के पूजन का उपाय अपनाकर जीवन में किसी भी सुख से वंचित नहीं रह सकते, उन्हें अपने जीवन में कभी धन का अभाव नहीं रहता। उनके समस्त कार्य सुचारु रुप से चलते हैं। लक्ष्मी कृपा प्राप्ति के लिए श्रीयंत्र का सरल पूजन विधान जिसे अपना कर साधारण व्यक्ति विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस में जरा भी संशय नहीं हैं।
श्रीयंत्र का पूजन रंक से राजा बनाने वाला एवं व्यक्ति कि दरिद्रता को दूर करने वाला हैं।
- अपने पूजा स्थान में प्राण-प्रतिष्ठित श्रीयंत्र को पूजन के लिये स्थापित करें। (प्राण-प्रतिष्ठित श्रीयंत्र किसी भी योग्य विद्वान ब्राह्मण या योग्य जानकार से सिद्ध करवाले)
- श्री यंत्र को प्रत्येक शुक्रवार को दुध, दही, शहद, घी और शक्कर (गुड़) अर्थात पंचामृत बनाकर स्नान कराये।
- स्नान के पश्चयात उसे लाल कपडे से पोछ दें।
- श्री यंत्र को किसी चांदी या तांबे कि प्लेट में स्थापीत करें।
- श्री यंत्र के नीचे 5 रुपये या 10 रुपये का नोट रखदें। (5,10 रुपये का सिक्का नहीं)
- श्री यंत्र स्थापित करने वाली प्लेट में श्रीयंत्र पर स्फटिक कि माला को चारों ओर घुमाते हुवे स्थापित करें।
- श्री यंत्र के उपर मौली का टुकडा 3-5 बार घुमाते हुवे अर्पित करें।
- श्री यंत्र के उपर सुखा अष्ट गंध छिडकें।
- यदि संभव हो तो लाल पुष्प अर्पित करें। (कमल, मंदार(जासूद) या गुलाब हो तो उत्तम)
- धूप-दीप इत्यादी से विधिवत पूजन करें।
- उपरोक्त विधन प्रति शुक्रवार करें एवं अन्य दिन केवल धूप-दीप करें।
- किसी एक लक्ष्मी मंत्र का एक माला मंत्र जप करें। श्रीसूक्त, अष्ट लक्ष्मी स्तोत्र इत्यादी का पाठ करें यदि पाठ करने में आप असमर्थ होतो बाजार में श्रीसूक्त, अष्ट लक्ष्मी इत्यादी स्तोत्र कि केसेट सीडी मिलती हैं उसका श्रवण करें।
- पूजा में जाने-अनजाने हुई गलती के लिए लक्ष्मीजी का स्मरण करते हुवे क्षमा मांगकर सुख, सौभाग्य और समृद्धि कि कामना करें।
- प्रति शुक्रवार उपरोक्त पूजन करने से जीवन में किसी भी प्रकार का आर्थिक संकट नहीं आता।
- यदी आर्थिक संकट से परेशान हैं तो श्री यंत्र के पूजन से समस्त प्रकार के आर्थिक संकट धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
नोट: श्री यंत्र के के नीचे रखा हुवा नोट प्रति एक-दो मास में एक बार किसी देवी मंदीर में भेट कर दें। (लाभ प्राप्त होने पर बदले)
- प्रथन बार रखा हुवा नोट श्री यंत्र के पूजन से लाभ होने के बाद ही बदले। लाभ प्राप्त होना शुरु होने तक नोट को रखे रहें।
- लाभ प्राप्त होना शुरु होने के पश्चयात प्रति माह में एक बारे प्रतिपदा(एकम) को पुराना नोट बदल कर नये नोट रखें।
- जेसे-जेसे लाभ प्राप्त होने लगे आप के अनुकूल कार्य हो ने लगे तो नोट कि रकम बढाते रहें। अधिक लाभ प्राप्त होता हैं।
उदाहण: यदि पहले 5 रुपये का नोट रखा हैं तो उस्से लाभ होने के पश्चयात नोट बदलते हुवे 10 रुपये का नोट रखे। 10 रुपये का नोट रखने से लाभ होने के पश्चयात नोट बदलते हुवे 20 रुपये का नोट रखे। इसी प्रकार नोट को बदते रहें इस्से अधिक लाभ प्राप्त होता हैं।
अधिक लाभ प्राप्ति हेतु सामान्य नियम:
पूजन के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। पूजन के दिन सुगंधित तेल, परफ्यूम, इत्र का प्रयोग करने से बचे। बिना प्याज-लहसून का शाकाहारी भोजन ग्रहण करें। शुक्रवार सफेद मिष्ठान भोजन में ग्रहण करें।
पूजन के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। पूजन के दिन सुगंधित तेल, परफ्यूम, इत्र का प्रयोग करने से बचे। बिना प्याज-लहसून का शाकाहारी भोजन ग्रहण करें। शुक्रवार सफेद मिष्ठान भोजन में ग्रहण करें।
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
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लेख सौजन्य: गुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018)
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