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शुक्रवार, मई 21, 2010

गृह प्रवेश एवं वास्तु भाग:३

Gruha pravesha evm vastu bhag:3, gruh arambha evm vastu part:3

  
गृह प्रवेश एवं वास्तु भाग:३

 

 
नक्षत्र एवं गृह प्रवेश
अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुण्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढा़, श्रवण, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में गृह प्रवेश श्रेष्ठ माना गया हैं ।


  
मास एवं गृह प्रवेश
चैत्र, ज्येष्ठ, आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, पौष और माघ - मास मे गृह प्रवेश करना माना गया हैं।
वैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्श और फाल्गुन - मास में गृह प्रवेश श्रेष्ठ माना गया हैं ।

 
मास के शुक्ल पक्ष में गृह प्रवेश करने से सुख कि प्राप्ति होती हैं और कृष्ण पक्ष में गृह प्रवेश करने से चोर-डाकु द्वारा धन हानि होती हैं।

 
  • चैत्र मास में गृह प्रवेश करने से रोग और शोक उत्पन्न होते हैं ।
  • वैशाख मास में गृह प्रवेश करने से धन, वैभव, संतान एवं आरोग्य की प्राप्ति होती हैं ।
  • ज्येष्ठ मास में गृह प्रवेश करने से मृत्यु तथा विपत्ति प्राप्ति कि आशंका होती हैं ।
  • आषाढ़ मास में गृह प्रवेश करने से वाहन एवं पशु की होने का भय होता हैं ।
  • श्रावण मास में गृह प्रवेश करने से धन एवं मित्रो बढते हैं एवं लाभ प्राप्त होता हैं ।
  • भाद्रपद मास में गृह प्रवेश करने से मित्रों से क्लेश, दरिद्रता तथा विनाश होता हैं ।
  • आश्विन मास में गृह प्रवेश करने से स्त्री नाश, कलह तथा लड़ाई झगडे होता हैं ।
  • कार्तिक मास में गृह प्रवेश करने से संतान,आरोग्य एवं धन की प्राप्ती होती हैं ।
  • मार्गशीर्ष मास में गृह प्रवेश करने से उत्तम उत्तम अन्न एवं धनकी प्राप्ति होती हैं ।
  • पौष मास में गृह प्रवेश करने से चोरों का भय होता हैं ।
  • माघ मास में गृह प्रवेश करने से अग्नि का भय होता हैं ।
  • फाल्गुन मास में गृह प्रवेश करने से धन तथा सुखकी प्राप्ति और वंशकी वृद्धि होती हैं ।

 

वास्तु ग्रन्थों के मत से गृह प्रवेश के लिये आषाढ़ एवं पौषको शुभ और कार्तिकको अशुभ बताया गया है ।

 
*  ईंट - पत्थर के घर में मासदोषका विचार करना चाहिये ।

कच्चे घरो में, घास - फूस एवं लकड़ी के बने घर मास का दोष नहीं लगता ।
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