वास्तु एवं वेध दोष (भाग:२)
द्वार वेध
भवन के मुख्य द्वार के सामने कोई वृक्ष हो तो वृक्ष वेध कहलाता हैं। वृक्ष वेध होने से भवन स्वामी को अनचाहे अपमान एवं बदनामी होना पडता हैं।
भवन के मुख्य द्वार के सामने कोई खंभा या स्तम्भ हो तो स्तम्भ वेध कहलाता हैं। स्तम्भ वेध होने से भवन मे निवास कर्ता के लिये पराजय, धनहानि, स्त्रीपीड़ा कारक होता हैं।
भवन के मुख्य द्वार के सामने कोइ अन्य भवन का द्वार या कोना होने से भी द्वार वेध माना जाता हैं। एसी स्थिति होने से भवन स्वामी को विभिन्न प्रकार के कष्टो से पीडित होने का संकेत हैं।
वेध दोष भवन कि ऊंचाई से दोगुनी ऊंचाई तक के क्षेत्र के भीतर होने से अधिक प्रभावी होता हैं, भवन कि ऊंचाई से दोगुनी ऊंचाई से दूर यदि वेधकारक वस्तु होने पर वेध दोष का प्रभाव कम होता जाता हैं।
मुख्य द्वार के सामने यदि कीचड़, नाली या जल निकास स्थान होने से निवास कर्ता को मानसिक कष्ट, अवसाद तथा धनका अभाव हैं।
मुख्य द्वार के सामने यदि हैंड पंप अथवा नल होने से रोग होने कि संभावना होती हैं।
मुख्य द्वार के सामने शिवालय या मंदिर होना अशुभ मानागया हैं, एसी स्थिती होने से निवास कर्ता के कुल कि हानि होती हैं।
मुख्य द्वार के सामने पालतू पशु बांधने हेतु खूंटा रखने को शास्त्र में कील वेध दोष बताया गया हैं।
mere ghar ke saamne....do do Khambhe hain...ek bijli ka aur ek telephone ka......aur saamne bane hue ghar ki pichali deewar hai....jo ki do manjila hai....mera ghar ek manjila hai...pachim ki oor mera dwar khulta hai.......bahutParesani hai...Upaay Batayain...
जवाब देंहटाएं.mere ghar ke saamne....ek bijli ka khambha h.kya dikkat ho sakti h aur upay bataye.khambha nya lag rha h..
जवाब देंहटाएं