guru poornima-2011, guru purnima-2011, shravan mas-2011, srawan masha, गुरु पुर्णिमा, गुरु पूर्णीमा, गुरु पूर्णीमा, चातुर्मास व्रत-नियम प्रारंभ, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा, स्नान-दान हेतु उत्तम आषाढ़ी पूर्णिमा, मुड़िया पूनम-गोवर्धन परिक्रमा (ब्रज), संन्यासियों का चातुर्मास प्रारंभ, गुरु पुर्णिमा, गुरु पूर्णीमा, गुरु पूर्णीमा, व्यास पूर्णिमा, स्नान-दान हेतु उत्तम आषाढ़ी पूर्णिमा, मुड़िया पूनम, चातुर्मास, चातूर्मास, शयनी एकादशी, देव शयनी एकादशी व्रत, शिव पूजा, शिव उपासना, शिव मंत्र, शिव मन्त्र, शीव, सावन सोमवार, श्रावण सोमवार, ગુરુ પુર્ણિમા, ગુરુ પૂર્ણીમા, ગુરુ પૂર્ણીમા, વ્યાસ પૂર્ણિમા, સ્નાન-દાન હેતુ ઉત્તમ આષાઢ઼્ઈ પૂર્ણિમા, મુડ઼્ઇયા પૂનમ, ચાતુર્માસ, ચાતૂર્માસ, શયની એકાદશી, દેવ શયની એકાદશી વ્રત, શિવ પૂજા, શિવ ઉપાસના, શિવ મંત્ર, શિવ મન્ત્ર, શીવ, સાવન સોમવાર, શ્રાવણ સોમવાર, ಗುರು ಪುರ್ಣಿಮಾ, ಗುರು ಪೂರ್ಣೀಮಾ, ಗುರು ಪೂರ್ಣೀಮಾ, ವ್ಯಾಸ ಪೂರ್ಣಿಮಾ, ಸ್ನಾನ-ದಾನ ಹೇತು ಉತ್ತಮ ಆಷಾಢ಼್ಈ ಪೂರ್ಣಿಮಾ, ಮುಡ಼್ಇಯಾ ಪೂನಮ, ಚಾತುರ್ಮಾಸ, ಚಾತೂರ್ಮಾಸ, ಶಯನೀ ಏಕಾದಶೀ, ದೇವ ಶಯನೀ ಏಕಾದಶೀ ವ್ರತ, ಶಿವ ಪೂಜಾ, ಶಿವ ಉಪಾಸನಾ, ಶಿವ ಮಂತ್ರ, ಶಿವ ಮನ್ತ್ರ, ಶೀವ, ಸಾವನ ಸೋಮವಾರ, ಶ್ರಾವಣ ಸೋಮವಾರ, குரு புர்ணிமா, குரு பூர்ணீமா, குரு பூர்ணீமா, வ்யாஸ பூர்ணிமா, ஸ்நாந-தாந ஹேது உத்தம ஆஷாடீ பூர்ணிமா, முடியா பூநம, சாதுர்மாஸ, சாதூர்மாஸ, ஶயநீ ஏகாதஶீ, தேவ ஶயநீ ஏகாதஶீ வ்ரத, ஶிவ பூஜா, ஶிவ உபாஸநா, ஶிவ மம்த்ர, ஶிவ மந்த்ர, ஶீவ, ஸாவந ஸோமவார, ஶ்ராவண ஸோமவார, గురు పుర్ణిమా, గురు పూర్ణీమా, గురు పూర్ణీమా, వ్యాస పూర్ణిమా, స్నాన-దాన హేతు ఉత్తమ ఆషాఢీ పూర్ణిమా, ముడియా పూనమ, చాతుర్మాస, చాతూర్మాస, శయనీ ఏకాదశీ, దేవ శయనీ ఏకాదశీ వ్రత, శివ పూజా, శివ ఉపాసనా, శివ మంత్ర, శివ మన్త్ర, శీవ, సావన సోమవార, శ్రావణ సోమవార, ഗുരു പുര്ണിമാ, ഗുരു പൂര്ണീമാ, ഗുരു പൂര്ണീമാ, വ്യാസ പൂര്ണിമാ, സ്നാന-ദാന ഹേതു ഉത്തമ ആഷാഢീ പൂര്ണിമാ, മുഡിയാ പൂനമ, ചാതുര്മാസ, ചാതൂര്മാസ, ശയനീ ഏകാദശീ, ദേവ ശയനീ ഏകാദശീ വ്രത, ശിവ പൂജാ, ശിവ ഉപാസനാ, ശിവ മംത്ര, ശിവ മന്ത്ര, ശീവ, സാവന സോമവാര, ശ്രാവണ സോമവാര, ਗੁਰੁ ਪੁਰ੍ਣਿਮਾ, ਗੁਰੁ ਪੂਰ੍ਣੀਮਾ, ਗੁਰੁ ਪੂਰ੍ਣੀਮਾ, ਵ੍ਯਾਸ ਪੂਰ੍ਣਿਮਾ, ਸ੍ਨਾਨ-ਦਾਨ ਹੇਤੁ ਉੱਤਮ ਆਸ਼ਾਢ਼੍ਈ ਪੂਰ੍ਣਿਮਾ, ਮੁਡ਼੍ਇਯਾ ਪੂਨਮ, ਚਾਤੁਰ੍ਮਾਸ, ਚਾਤੂਰ੍ਮਾਸ, ਸ਼ਯਨੀ ਏਕਾਦਸ਼ੀ, ਦੇਵ ਸ਼ਯਨੀ ਏਕਾਦਸ਼ੀ ਵ੍ਰਤ, ਸ਼ਿਵ ਪੂਜਾ, ਸ਼ਿਵ ਉਪਾਸਨਾ, ਸ਼ਿਵ ਮਂਤ੍ਰ, ਸ਼ਿਵ ਮਨ੍ਤ੍ਰ, ਸ਼ੀਵ, ਸਾਵਨ ਸੋਮਵਾਰ, ਸ਼੍ਰਾਵਣ ਸੋਮਵਾਰ, গুরু পুর্ণিমা, গুরু পূর্ণীমা, গুরু পূর্ণীমা, ৱ্যাস পূর্ণিমা, স্নান-দান হেতু উত্তম আষাঢ়ী পূর্ণিমা, মুড়িযা পূনম, চাতুর্মাস, চাতূর্মাস, শযনী একাদশী, দেৱ শযনী একাদশী ৱ্রত, শিৱ পূজা, শিৱ উপাসনা, শিৱ মংত্র, শিৱ মন্ত্র, শীৱ, সাৱন সোমৱার, শ্রাৱণ সোমৱার, ଗୁରୁ ପୁର୍ଣିମା, ଗୁରୁ ପୂର୍ଣୀମା, ଗୁରୁ ପୂର୍ଣୀମା, ବ୍ୟାସ ପୂର୍ଣିମା, ସ୍ନାନ-ଦାନ ହେତୁ ଉତ୍ତମ ଆଷାଢ଼ୀ ପୂର୍ଣିମା, ମୁଡ଼ିଯା ପୂନମ, guru purNimA, guru pUrNImA, guru pUrNImA, vyAs pUrNimA, snAn-dAn hetu uttam AShADhxI pUrNimA, muniyA pUnam, cAturmAs, cAtUrmAs,
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
भावार्थ: गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं, गुरु हि शंकर हैं; गुरु हि साक्षात् परब्रह्म हैं; एसे सद्गुरु को नमन ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
भावार्थ: गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं, गुरु हि शंकर हैं; गुरु हि साक्षात् परब्रह्म हैं; एसे सद्गुरु को नमन ।
ध्यानमूलं गुरुर्मूतिः पूजामूलम गुरुर पदम्।
मंत्रमूलं गुरुरर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरुर कृपा।।
भावार्थ: गुरु की मूर्ति ध्यान का मूल कारण है, गुरु के चरण पूजा का मूल कारण हैं, वाणी जगत के समस्त मंत्रों का और गुरु की कृपा मोक्ष प्राप्ति का मूल कारण हैं।
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः।।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव।।
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