श्री गणेश
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पूजन गणेश के चमत्कारी मन्त्र,गणेश के कल्याणकारी मन्त्र, गणेश
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होती हैं सर्व प्रथन गणेश जी की पूजा, सर्वप्रथम
गणेश पूजन क्यों किया जाता हैं, शुभ कार्यों में गणेश जी का पूजन
क्यों होता हैं, શ્રી ગણેશ સભી દેવતાઓં મેં સર્વપ્રથમ પૂજનીય કૈસે બને?, ક્યોં હોતી હૈં સર્વ પ્રથન ગણેશ જી કી પૂજા, સર્વપ્રથમ ગણેશ પૂજન ક્યોં કિયા જાતા હૈં, શુભ કાર્યોં મેં ગણેશ જી કા પૂજન ક્યોં હોતા હૈં, પૂજા ગણેશજી
કી?,
ગણેશ પૂજન, સરલ વિધિ સે શ્રી ગણેશ પૂજન, ગણેશ ગાયત્રી મન્ત્ર,
અનંત ચતુર્દશી વ્રત ઉત્તમ ફલદાયી
હોતા હૈં|,
ગણેશજી કો દુર્વા-દલ ચઢ઼્આને કા
મંત્ર,
ગણેશ પૂજન ગણેશ કે ચમત્કારી મન્ત્ર,ગણેશ કે કલ્યાણકારી મન્ત્ર, ગણેશ પૂજન ગ્રહપીડા દૂર હોતી હૈં|, ગણેશ યન્ત્ર, ગણેશ યંત્ર, ગણેશ યંત્ર, ગણેશ યંત્ર (સંપૂર્ણ બીજ મંત્ર સહિત), ગણેશ સિદ્ધ યંત્ર, લક્ષ્મી ગણેશ યંત્ર, એકાક્ષર ગણપતિ યંત્ર, હરિદ્રા ગણેશ યંત્ર, સ્ફટિક ગણેશ, મંગલ ગણેશ, પારદ ગણેશ, પન્ન ગણેશ, ગણેશ રુદ્રાક્ષ, 19- How to Shree
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सरल विधि-विधान से श्री गणेश पूजन
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (सितम्बर-2012)
श्री गणेशजी की पूजा से व्यक्ति को बुद्धि, विद्या, विवेक
रोग, व्याधि एवं समस्त विध्न-बाधाओं का स्वतः नाश होता है
श्री गणेशजी की कृपा प्राप्त होने से व्यक्ति के मुश्किल से मुश्किल कार्य भी
आसान हो जाते हैं।
जिन लोगो को व्यवसाय-नौकरी में विपरीत परिणाम प्राप्त हो रहे हों,
पारिवारिक तनाव,
आर्थिक तंगी,
रोगों से पीड़ा हो रही हो एवं व्यक्ति
को अथक मेहनत करने के उपरांत भी नाकामयाबी, दु:ख, निराशा प्राप्त हो रही हो, तो एसे व्यक्तियो की समस्या के निवारण हेतु चतुर्थी के दिन या बुधवार के दिन श्री गणेशजी की विशेष पूजा-अर्चना
करने
का
विधान
शास्त्रों
में
बताया
हैं।
जिसके फल से व्यक्ति की किस्मत बदल जाती हैं और उसे जीवन में सुख, समृद्धि एवं ऎश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। श्री गणेश जी का पूजन अलग-अलग उद्देश्य एवं कामनापूर्ति हेतु अलग-अलग मंत्र व विधि-विधान
से
किया
जाता
हैं, इस लिये यहां दर्शाई गई पूजन विधि में अंतर होना सामान्य हैं।
सभी पाठको के मार्गदर्शन हेतु श्री गणेश जी का पूजन विधान दिया जा रहा हैं।
सरल विधि-विधान से
श्री गणेश पूजन का संपूर्ण लेख पढ़ने हेतु
गुरुत्व ज्योतिष
मासिक पत्रिका का सितम्बर-2012 अंक पढ़ें।
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>> गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (सितम्बर-2012)
Sep-2012
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