Vishvakarma Avtar ki AartiPanch mukh Viswakarma aarti, Shri Panchmikhi Vishvkarma Arti, Jai Shri Vishwakarma, Shri Vishwakarma Ki Aarti, vishwakarma aarti ,aarti in hindi ,विश्वकर्मा आरती ,arti in hindi ,aarti vishwakarma ,vishwakarma arti ,hindu vishwakarma ,om jai shri vishwakarma prabhu jai shri vishwakarma, जय श्री विश्वकर्मा, श्री विश्वकर्मा जी की आरती, श्री पंच मुखी विश्वकर्मा की आरती
॥श्री विश्वकर्मा अवतार की आरती॥
ॐ जय पंचानन स्वामी प्रभु पंचानन स्वामी ।
अजर अमर अविनाशी, नमो अन्तर्यामी ।
चतुरानन संग सात ऋषि, शरण आपकी आये ।
अभय दान दे ऋषियन को, सार कष्ट मिटाये ।1।
निगम गम पथ दाता हमें शरण पडे तेरी ।
विषय विकार मिटाओ सारे, मत लाओ देरी ।2।
कुण्डल कर्ण गले मे माला इस वाहन सोहे ।
जति सति सन्यासी जग के, देख ही मोहे ।3।
श्रेष्ठ कमण्डल मुकमट शीश पर तुम त्रिशूल धारी ।
भाल विशा सुलोचन देखत सुख पावँ नरनारी ।4।
देख देख कर रुप मुनिजन, मन ही मन रीझै ।
अग्नि वायु आदित्य अंगिरा, आनन्द रस पीजै ।5।
ऋषि अंगिरा कियो धारे तपस्या, शान्ति नही पाई ।
चरण कमल का दियो आसय, तब सब बन आई ।6।
भक्त की जय कार तुम्हारी विज्ञान शिल्प दाता ।
जिस पर हो तेरी दया दृष्टि भव सागर तर जाता ।7।
ऋषि सिर्फ ज्ञान विधायक जो शरण तुम्हारी आये ।
विश्वप्रताप दुख रोग मिटे, सुख सम्पत पावे ।8।
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