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>> गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (मार्च-2011)
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रुद्राक्ष धारण से कामनापूर्ति
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (मार्च-2011)
रुद्राक्ष को भगवान शंकर का प्रिय आभूषण माना जाता हैं। यहीं कारण हैं की शिव भक्त अपने गले व भुजा में रुद्राक्ष धारण करते हैं। क्योकी विद्वानो के मत से शास्त्रोक्त मान्यता है की दीर्घायु प्रदान करने वाला तथा मनुष्य को अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला हैं।
गृहस्थ व्यक्तियों के लिए रुद्राक्ष अर्थ और काम को प्रदान करता हैं तो साधुसंत व संन्यासियों के लिए रुद्राक्ष धर्म और मोक्ष को प्रदान करने वाला माना जाता हैं। रुद्राक्ष को मनुष्य की अनेक शारीरिक और मानसिक व्याधियों को दूर कर मानसिक शांति प्रदान करने वाला माना जाता हैं। योगाभ्यास से जुडे साधनो के लिये रुद्राक्ष कुंडलिनी जागृत करने में सहायक सिद्ध होता हैं।
रुद्राक्ष के धारण करता को तंत्रिक व भूत-प्रेत इत्यादि का असर नहीं होता हैं। शास्त्रोक्त मत से रुद्राक्ष के दर्शन मात्र से ही पापों का क्षय हो जाता हैं। जिसके घर में रुद्राक्ष की पूजा की जाती है वहाँ लक्ष्मीजी सदा वास करती हैं। साधारण रुप से रुद्राक्ष का प्रभाव 1-2 दिन में प्रभाव दिखने लगता है। परंतु विशेष परिस्थित व कार्य उद्देश्य की पूर्ति हेतु धारण किया गया रुद्राक्ष 45 दिन में अपना प्रभाव दिखता हैं।
रुद्राक्ष धारण के शास्त्रोक्त नियम और मत
सभी वर्ण के लोग रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
धारण करते समय ॐ नम: शिवाय का जाप करना लाभप्रद रहेगा।
रुद्राक्ष को अपवित्रता के साथ धारण न करें।
रुद्राक्ष को पूर्ण भक्ति और शुद्धता से ही धारण करें।
क्योकि रुद्राक्ष अटूट श्रद्धा और विश्वास से धारण करने पर ही फल प्राप्त होता हैं।
रुद्राक्ष को लाल, पीला या सफेद धागे में धारण करना लाभप्रद रहेगा।
चाँदी, सोना या तांबे में भी धारण किया जा सकता हैं।
रुद्राक्ष हमेशा विषम संख्या में धारण करना लाभप्रद होता हैं।
रोजगार के अनुशार रुद्राक्ष चुनाव
शिव भक्तो के जीवन में सर्व श्रेष्ठ सफलता के लिए रुद्राक्ष धारण करना सर्वोत्तम माना गया हैं।
राजनेता को पूर्ण सफलता हेतु तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
सरकारी व कानूनी कार्य से ……………..>>
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