दीक्षा और तप क्या है?
दीक्षा और तप : सत्य को प्राप्त करने के लिए गुरु द्वारा दीक्षा प्राप्ति होनी चाहिए और उस दीक्षा से व्यक्ति तपस्या कर सफलता प्राप्त कर सकता है।
व्रतेन दीक्षामाप्नोति दीक्षयाऽप्नोति दक्षिणाम्।
दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति श्रद्धया सत्यमाप्यते॥ (यजुर्वेद)
व्रत से दीक्षा मिलती है, दीक्षा से दक्षिणा, दक्षिणा से श्रद्धा और श्रद्धा से सत्य की प्राप्ति होती है।
तप का अर्थ : इंद्रियों पर विजय प्राप्त करना है। किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तप आवश्यक है। धर्म की रक्षा करने हेतु भी तप करना आवश्यक होता है।
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