||नवग्रह स्तोत्रम||
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च
गुरुश्च शुक्रः शनि राहु केतवः सर्वे ग्रहाः शान्तिकराः भवन्तु ....
नियमित रुइ से नव ग्रह स्तोत्र के पाठ से नव ग्रहों की अशुभता दुर होकर शुभता प्राप्त होती है।
नियमित रुइ से नव ग्रह स्तोत्र के पाठ से नव ग्रहों की अशुभता दुर होकर शुभता प्राप्त होती है।
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