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शनिवार, दिसंबर 19, 2009

हिन्दू धर्म (भाग: १)

Hindu Dharam

हिन्दू धर्म


हिन्दू धर्म वेदों पर आधारित है ।
हिन्दू धर्म में देवी-देवता को विभिन्न रुप मे पूजा जाने पर भी उनको एक ही ईश्वर के विभिन्न रूप माना जाता है । मनु ने धर्म के दस लक्षण बताये हैं।

धृति क्षमा दमोस्तेयं शौचं इन्द्रियनिग्रहः।


धीर्विद्या सत्यं अक्रोधो , दसकं धर्म लक्षणम ॥

अर्थातः

1. धैर्य

2. क्षमा

3. संयम

4. चोरी न करना

5. शौच (स्वच्छता)

6. इन्द्रियों को वश मे रखना

7. बुद्धि

8. विद्या

9. सत्य और

10. क्रोध न करना

ये दस धर्म के लक्षण हैं ।

धर्म की कसौटी


धर्म के अनुशार जो अपने अनुकूल न हो?  वैसा व्यवहार दूसरे के साथ नहीं करना चाहिये - यह धर्म की कसौटी है।



धर्म का सर्वस्व क्या है?,

श्रूयतां धर्म सर्वस्वं श्रूत्वा चैव अनुवर्त्यताम् ।


आत्मनः प्रतिकूलानि , परेषाम् न समाचरेत् ॥

(सुनो और सुनकर उस पर चलो ! अपने/अपनो को जो अच्छा न लगे, वैसा आचरण दूसरे के साथ नही करना चाहिये।)

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) विश्व के सभी पुरातन धर्मों में सबसे पुराना धर्म है।


हिन्दू धर्म वेदों पर आधारित धर्म है, जो अपने अन्दर कई अलग अलग उपासना पद्धतियाँ, सम्प्रदाय, और द्रष्टिकोण समेटे हुए है।

हिन्दू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन असल में हिन्दू धर्म मे इश्वर एक है और उस्के स्वरुप भिन्न है पर ज्यादा जोर दिया गया है।

हिन्दी में इस धर्म को सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं।
इंडोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है।
हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नही है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है।

" हिन्सायाम दूयते या सा हिन्दु "


अर्थात
जो अपने मन वचन कर्म से हिंसा से दूर रहे वह हिन्दु है और जो कर्म अपने हितों के लिए दूसरों को कष्ट दे वह हिंसा है।

क्रमशः अगल क्रम शीध्र प्रस्तुत होगा।
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