गुरु पुष्य योग/पुष्यामृत योग
हर दिन बदलने वाले नक्षत्र मे पुष्य नक्षत्र भी सामिल है,एवं अन्दाज से हर २७वें दिन पुष्य नक्षत्र होता है। यह जिस वार को आता है, इसका नाम भी उसी प्रकार रखा जाता है।इसी प्रकार गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने से गुरु पुष्य योग कहाजात है।
गुरु पुष्य योग में विद्वान ज्योतिषियो का कहना हैं कि पुष्य नक्षत्र में धन प्राप्ति, चांदी, सोना, नये वाहन, बही-खातों की खरीदारी एवं गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुए अत्याधिक लाभ प्रदान करती है।
• इस दिन की गई खरीदारी अधिक समय तक स्थायी और समृद्धि प्रदान करती है।
• इस दिन की गई सुवर्ण अथवा गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुए अत्याधिक लाभ प्रदान करती है। पीला पखराज धारण करना इस दिन अत्यन्त शुभ फलदायी मानगया है।
• इस दिन की गई सुवर्ण अथवा गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुए अत्याधिक लाभ प्रदान करती है। पीला पखराज धारण करना इस दिन अत्यन्त शुभ फलदायी मानगया है।
• इस दिन की गई भूमि व जमीन आदि की खरीदी विशेष फलदायी होती है।
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