लक्ष्मी मंत्र
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (नवम्बर-2010)
मंत्र :
1. ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः।
2. श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये।
3. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा ।
4. ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।
5. ॐ श्रीं श्रियै नमः।
6. ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
7. धन लाभ एवं समृद्धि मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
8. अक्षय धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ ।
कैसे करें मंत्र जाप :-
धनतेरस या दीपावली के दिन संकल्प लेकर प्रातःकाल स्नान करके पूर्व या उत्तर दिशा कि और मुख करके लक्ष्मी कि मूर्ति या चित्र की पंचोपचार या दक्षोपचार या षोड्षोपचार से पूजा करें।
शुद्ध-पवित्र आसन ग्रहण कर स्फटिक कि माला से मंत्र का जाप १,५,७,११ माला जाप पूर्ण कर अपने कार्य उद्देश्य कि पूर्ति हेतु मां लक्ष्मी से प्राथना करें।
अधिकस्य अधिकं फलम्।
जप जितना अधिक हो सके उतना अच्छा है। यदि मंत्र अधिक बार जाप कर सकें तो श्रेष्ठ।
प्रतिदिन स्नान इत्यादिसे शुद्ध होकर उपरोक्त किसी एक लक्ष्मी मंत्र का जाप 108 दाने कि माला से कम से कम एक माला जाप अवश्य करना चाहिए।
उपरोक्त मंत्र के विधि-विधान के अनुसार जाप करने से मां लक्ष्मी कि कृपा से व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है और निर्धनता का निवारण होता है।
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