विवाह हेतु उचित माह कौन सा होता हैं?
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (दिसम्बर-2010)
भारतीय सामाज में विवाह को पवित्र बंधन माना जाता हैं। इस लिये हिंदू संस्कृति में तलाक जैसे शब्द का कोई नहीं हैं। ज्योतिष शास्त्र में विवाह संस्कार हेतु प्रमुख चार माह निर्धारित किये हैं। इस लिये एसा मानाजाता हैं कि इन चार माह में विवाह होने पर भावी विवाहित दम्पति का जीवन खुशियों भरा रहता हैं।
विद्वानो के मत से इन चार माह में विवाह होने पर अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं।
किस माह में विवाह क्या फल देते हैं?
शास्त्रों के अनुसार
माघे धनवती कन्या, फाल्गुने शुभगा भवेत,
वैशाखे तथा ज्येष्ठे पति उत्यन्तवल्लभा।
मार्गशिर्ष मपिच्छती, अन्यये मासाश्च वर्जिता।।
अर्थातः जिस कन्या का विवाह माघ मास में होता हैं, वह अति धनवान होती हैं, फाल्गुन मास में विवाह होने पर कन्या सौभाग्यवती होती हैं। वैशाख और ज्येष्ठ मास में विवाह होने पर कन्या पति को अधिक प्यारी होती हैं। अकस्मात परिस्थितीओं में अति आवश्यक होने पर ही मार्गशिर्ष मास में विवाह कर सकते है। अन्य सभी माह विवाह हेतु वर्जित होते हैं।
इसके अलावा मलमास या अधिमास होने पर, सूर्य धनु एवं मीन राशि में स्थित होने पर, गुरु या शुक्र तारा अस्त होने पर विवाह निषेध माना गया हैं।
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