सिर्फ कुंडली मिलान सफल विवाह की गारंटी नहीं होती?
लेख साभार: गुरुत्व ज्योतिष पत्रिका (दिसम्बर-2010)
विवाह से पूर्व कुंडली मिलान करवाना एक सामान्य प्रचलन हैं।
लेकिन केवल 36 गुणों के आधार पर किया गया कुंडली मिलना सफल विवाह कि गारंटी नहीं होता हैं। वैदिक ज्योतिष अनुसार 36 गुणों के अलावा अन्य बहुत सारे कारण होते हैं जो लडके-लडकी के वैवाहिक जीवन को सफल या असफल बनाने में अपना प्रभाव रखते हैं।
भारतीय समाज में लडके-लडकी की शादी के लिये दोनो कि जन्म कुण्डलियो का मिलान किया जाता हैं। जिसमे जन्म राशी और नक्षत्र के आधार पर 36 गुणो का मिलान और मंगलीक दोष प्रमुख माने जाते हैं। दोनो कि जन्म कुण्डलियो के मिलान में 18 या उस्से अधिक गुण मिलने पर दोनो की कुंडली विवाह के लिए उपयुक्त मान ली जाती हैं। जो ज्योतिष शास्त्र के जानकार और विद्वानो के मत से अनौचित और निर्थक प्रयास मात्र होता हैं।
क्योकि कि हमने स्वयं हमारे हमारे वर्षो के अनुभवो से पाया हैं। लडके-लडकी कि जन्म कुंडली में ३० से अधिक गुण मिलने पर भी दोनो का जीवन तनाव पूर्ण होता हैं जबकी दूसरी और जन्म कुंडली में १८ से कम गुण मिलने पर जीवन सुखमय और आनंदमय होता हैं।
ऎसा क्यों होता हैं?
इसका मुख्या कारण होता हैं आज आधुनिकता का कुछ एसा दौर चला हैं, जहा प्रायः हर गली महोल्ले में ज्योतिष से संबंधित पुस्तके पत्र-पत्रिकाए उपल्ब्ध हो जाती हैं, जिसे एक दो पार आधि-अधूरी पढे ना पढे व्यक्ति ज्योतिष से संबंधित उचित जानकारी एवं योग्य ज्योतिषी शिक्षण के अभाव के कारण स्वयं को ज्योतिष का बहोत बडा जानकार और विद्वान मान लेता हैं।
आजकल प्रायः हर छोटे-बडे शहरो में ज्योतिष से संबंधित शिक्षा के लिये क्लास खूलने लगे हैं जिसमे कुछ विद्वान ज्योतिष विद्वानो के द्वारा चलाये जाते हैं तो कुछ धन लोभ के कारण आधे-अधूरे शिक्षण से दूसरो को ज्योतिष का पाठ पढाने लगते हैं। आधे-अधूरे शिक्षक से ज्योतिष विद्या प्राप्त होन हीं सकती इस्से तो हर व्यक्ति भली भाती परिचित हैं, एसे में ज्योतिष शिक्षा कि मोटी फिस देकर व्यक्ति को ज्योतिष में अमुक अमक डिग्रीया प्राप्त हो जाती हैं।
कुछ व्यक्ति विद्वान ज्योतिष के पास शिक्षण प्राप्त करने के उपरांत भी ज्योतिष विद्या के समर्पण भाव नहीं रख कर केवल धनोर्पार्जन के लक्ष्य को साधने में लग जाते हैं जहा उनका पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के उपरांत भी उन्हे वह सफलता प्राप्त नहीं हो पाती जो एक कूशल ज्योतिष को प्राप्त होनी चाहिये। एसी स्थिती में किया गया कुंडली मिलान ज्यादातर मामलो में असफल हो जाता हैं।
दूसरा कारण
ज्यादातर लडके-लडकी के माता-पिता शादी में हजारो लाखो रुपये खर्च कर देते हैं परंतु विद्वान एवं कूशल ज्योतिष के पास न जाकर उसका उचित पारिश्रमिक न देकर पैसे बचाने के चक्कर में या तो कम जानकार व्यक्ति से कुंडली मिलान करवा लेते हैं या स्वयं अपने कंप्युटर पर लडके-लडकी कि जन्म दिनांक, समय एवं स्थान देकर मिलान कर के 18 या उस्से अधिक गुण देख कर विवाह कर देते हैं। एसी स्थितीओं में लडके-लडकी का वैवाहिक जीवन कष्टमय और दूःख मय हो सकता हैं। क्योकि केवल 18 या उस्से अधिक गुण मिलने पर हि विवाह सफल नहीं होता। क्योकि कम जानकार ज्योतिष का सम्पूर्ण ध्यान नक्षत्र पर ही केन्द्रित होता हैं। जानकारी के अभाव में वहं जन्म लग्न, ग्रहोकी द्रष्टी एवं स्थिती इत्यादी की पूर्ण रुप से अवहेलना करता हैं। है.
कंप्युटर पर कुंडली मिलान करने पर उसमें केवल वर्ण, योनि, नाडी इत्यादि गुणो के आधार हि मिलान होता हैं। क्योकिं कुंडली मिलान नक्षत्रो की बजाए ग्रहो की स्थिति के आधार पर करना उचित होता हैं क्योकि नक्षत्र तो एक हि हिस्सा हैं और मनुष्य पर सबसे अधिक प्रभाव नवग्रहो का होता हैं। जिसे कंप्युटर या कम जानकार ज्योतिष बताने में असमर्थ होते हैं जिसके आधार पर विवाह सफल नहीं हो पाते हैं और कभी कभी गुण मिलने पर भी असफल हो जाते हैं।
तीसरा कारण
कुछ लडके-लडकी के माता-पिता अच्छा परिवार में रिश्ता या धनी परिवार देख कर अथवा अपने लडके-लडकी कि उम्र अधिक हो जाने पर अपने पुत्र-पुत्री कि जन्म कुंडली गलत बनवा देते हैं ताकी किसी भी प्रकार से विवाह संपन्न हो जाये परंतु अज्ञानता के कारण उन्हें कहा ज्ञात होता हैं कि वह जो बडी गलती से विवाह को संपन्न करना चाहते हैं वह अनौचित मेल को उचित में बदलने के उपरांत भी दोनो का वैवाहिक जीवन कष्टमय या दुःखमय रहेगा। ऎसी स्थितीओं में भी वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं होता फिर दोषका सारा ठिकरा मढदिया जाता हैं ज्योतिष पर कि उचित मेल होने पर भी हमारे लडके-लडकी का विवाहीक जीवन सुखी नहीं हुवा।
गुरुत्व ज्योतिष के विवाह स्पेशयल अंक में हमने कुंडली मिलान के अलावा
विवाह से संबंधित अन्य बहोत से पहलू से आपका मार्गदर्शन करने का प्रयास किया हैं।
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