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रविवार, अप्रैल 17, 2011

हनुमानजी के पूजन से कार्यसिद्धि भाग : 1

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हनुमानजी के पूजन से कार्यसिद्धि भाग : 1

हिन्दू धर्म में श्री हनुमानजी प्रमुख देवी-देवताओ में से एक प्रमुख देव हैं। शास्त्रोक्त मत के अनुशार हनुमानजी को रूद्र (शिव) अवतार हैं। हनुमानजी का पूजन युगो-युगो से अनंत काल से होता आया हैं। हनुमानजी को कलियुग में प्रत्यक्ष देव मानागया हैं। जो थोडे से पूजन-अर्चन से अपने भक्त पर प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की सभी प्रकार के दुःख, कष्ट, संकटो इत्यादी का नाश हो कर उसकी रक्षा करते हैं।

हनुमानजी का दिव्य चरित्र बल, बुद्धि कर्म, समर्पण, भक्ति, निष्ठा, कर्तव्य शील जैसे आदर्श गुणो से युक्त हैं। अतः श्री हनुमानजी के पूजन से व्यक्ति में भक्ति, धर्म, गुण, शुद्ध विचार, मर्यादा, बल , बुद्धि, साहस इत्यादी गुणो का भी विकास हो जाता हैं।

विद्वानो के मतानुशार हनुमानजी के प्रति द्दढ आस्था और अटूट विश्वास के साथ पूर्ण भक्ति एवं समर्पण की भावना से हनुमानजी के विभिन्न स्वरूपका अपनी आवश्यकता के अनुशार पूजन-अर्चन कर व्यक्ति अपनी समस्याओं से मुक्त होकर जीवन में सभी प्रकार के सुख प्राप्त कर सकता हैं।

चैत्र शुक्ल पूर्णिमा की हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर अपनी मनोकामना की पूर्ति हेतु कौन सी हनुमान प्रतिमा का पूजल करना लाभप्रद रहेगा। इस जानकारी से आपको अवगत कराने का प्रयास किया जारहा हैं।

हनुमानजी के प्रमुख स्वरुप इस प्रकार हैं।

राम भक्त हनुमान स्वरुप:
राम भक्ति में मग्न हनुमानजी की उपासना करने से जीवन के महत्व पूर्ण कार्यो में आ रहे संकटो एवं बाधाओं को दूर करती हैं एवं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आवश्यक एकाग्रता व अटूट लगन प्रदान करने वाली होती है।

संजीवनी पहाड़ लिये हनुमान स्वरुप:
संजीवनी पहाड़ उठाये हुए हनुमानजी की उपासना करने से व्यक्ति को प्राणभय, संकट, रोग इत्यादी हेतु लाभप्रद मानी गई हैं। विद्वानो के मत से जिस प्रकार हनुमानजी ने लक्षमणजी के प्राण बचाये थे उसी प्रकार हनुमानजी अपने भक्तो के प्राण की रक्षा करते हैं एवं अपने भक्त के बडे से बडे संकटो को संजिवनी पहाड़ की तरह उठाने में समर्थ हैं।

ध्यान मग्न हनुमान स्वरुप:
हनुमानजी का ध्यान मग्न स्वरुप व्यक्ति को साधना में सफलता प्रदान करने वाला, योग सिद्धि या प्रदान करने वाला मानागया हैं।

रामायणी हनुमान स्वरुप:
रामायणी हनुमानजी का स्वरुप विद्यार्थीयो के लिये विशेष लाभ प्रद होता हैं। जिस प्रकार रामायण एक आदर्श ग्रंथ हैं उसी प्रकार हनुमानजी के रामायणी स्वरुप का पूजन विद्या अध्यन से जुडे लोगो के लिये लाभप्रद होता हैं।

हनुमानजी का पवन पुत्र स्वरुप:
हनुमानजी का पवन पुत्र स्वरुप के पूजन से आकस्मिक दुर्घटना, वाहन इत्यादि की सुरक्षा हेतु उत्तम माना गया हैं। हनुमानजी के उस स्वरुप का पूजन करने से

(क्रमश....)
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