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सोमवार, अप्रैल 11, 2011

क्या श्राप के कारण मिला राम अवतार?

Ram Avatar curse was the reason?, Ram incarnation was due to curse?,

क्या श्राप के कारण मिला राम अवतार?

एक बार शिव जी कैलास पर्वत पर एक विशाल बरगद के वृक्ष के नीचे बाघ चर्म बिछाकर आनन्द पूर्वक बैठे थे। उचित अवसर जानकर माता पार्वती भी वहाँ आकर उनके पास बैठ गईं। पार्वती जी ने शिव जी से कहा, हे नाथ! पूर्व जन्म में मुझे एसा मोह हो गया था और मैंने श्री राम की परीक्षा ली थी। मेरा वह मोह अब समाप्त हो चुका है किन्तु मैं अभी भी भ्रमित हूँ कि यदि श्री राम राजपुत्र हैं तो ब्रह्म कैसे हो सकते हैं? आप कृपा करके मुझे श्री राम की कथा सुनाएँ और मेरे भ्रम को दूर करें।

पार्वती जी के प्रश्न से प्रसन्न होकर शिव जी बोले, हे पार्वती! श्री रामचन्द्र जी की कथा कामधेनु के समान सभी सुखों को प्रदान करने वाली हैं। अतः मैं उस कथा को, जिसे काकभुशुण्डि जी ने गरुड़ को सुनाया था, उस कथा को मैं तुम्हें सुनाता हूँ।

हे सुमुखि! जब-जब धर्म का ह्रास होता है और देवताओं, ब्राह्मणों पर अत्याचार करने वाले दुष्ट व नीच अभिमानी राक्षसों की वृद्धि हो जाती है तब-तब कृपा के सागर भगवान श्री विष्णु भाँति-भाँति के अवतार धारण कर सज्जनों की पीड़ा को हरते हैं। वे असुरों को मार कर देवताओं की सत्ता को स्थापित करते हैं।

भगवान श्री विष्णु का श्री रामचन्द्र जी के रुप में अवतार लेने का भी यही कारण हैं। उनकी कथा अत्यन्त विचित्र है। मैं उनके जन्मों की कहानी तुम्हें सुनाता हूँ। श्री हरि के जय और विजय नामक दो प्रिय द्वारपाल हैं। एक बार सनकादि ऋषियों ने उन्हें मृत्युलोक में चले जाने के लिये शाप दे दिया। शापवश उन्हें मृत्युलोक में तीन बार राक्षस के रूप में जन्म लेना पड़ा। पहली बार उनका जन्म हिरण्यकश्यपु और हिरण्याक्ष के रूप में हुआ। उन दोनों के अत्याचार बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण श्री हरि ने वराह का शरीर धारण करके हिरण्याक्ष का वध किया और नरसिंह रूप धारण कर के हिरण्यकश्यपु को मारा।

उन्हीं दोनों ने रावण और कुम्भकर्ण के रूप में फिर से जन्म लिया और अत्यन्त पराक्रमी राक्षस बने। तब कश्यप मुनि और अदिति, जो के दशरथ और कौशल्या के रूप में अवतरित हुए थे, का पुत्र बनकर श्री हरि ने उनका वध किया।

एक कल्प में जलन्धर नामक दैत्य ने समस्त देवतागण को परास्त कर दिया तब शिव जी ने जलन्धर से युद्ध किया। उस दैत्य की स्त्री परम पतिव्रता थी अतः शिव जी भी उस दैत्य से नहीं जीत सके।

तब श्री विष्णु ने छलपूर्वक उस स्त्री का व्रत भंग कर देवताओं का कार्य किया। तब उस स्त्री ने श्री विष्णु को मनुष्य देह धारण करने का शाप दिया था।

श्री विष्णु के श्री राम के रूप में अवतरित होने का एक कारण यह भी था। वही जलन्धर दैत्य अगले जन्म में रावण के रुप में अवतरित हुआ जिसे श्री राम ने युद्ध में मार कर परमपद प्रदान किया।

अन्य एक कथा के अनुसार एक बार नारद ने श्री विष्णु को मनुष्यदेह धारण करने का शाप दिया था जिसके कारण श्री राम का अवतार हुआ।”
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