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शनिवार, मार्च 06, 2010

चैत्र नवरात्र

Chaitra navaratra, chaitra navaratree, chaitra navaratri 16- march-2010

चैत्र नवरात्र  16 - मार्च - 2010 से
नवरात्र माँ शक्ति कि उपासना एवं कृपा प्राप्ति हेतु सर्वोत्तम होते हैं।
क्योकि नवरात्री के आह्वान से माँ महामाय जगदम्बा की शक्तियों को जाग्रत कर उनकी कृपा सरलता से प्राप्त कि जा सकती हैं। जिस्सेसमारे सभी संकटों, रोगों, दुश्मनों, प्राकृतिक आपदाओं एवं अन्य सभि कष्टो से बच सकें। एवं हमारे शारीरिक तेज में वृद्धि हो। हमारा मन शुद्ध एवं निर्मल हो जिस्से हमे सभी प्रकार कि आत्मिक, दैविक, भौतिक शक्तियों का लाभ मिल सके।

चैत्र मास के नवरात्र पर माँ भगवती जगत जननी का आह्वान कर उनकी कृपा से शत्रु और दुष्ट आत्माओं का नाश करने के लिए जगाया जाता है। भारतीत परंपता एवं धर्म की आस्था से जुड़े सभी व्यक्ति किसी न किसी रूप में कहीं न कहीं देवी की उपासना करते ही हैं। फिर चाहे व्यक्ति करें, मंत्र जाप करें, पूजा अर्चना करे, अनुष्ठान करें या अपनी-अपनी श्रद्धा-‍भक्ति अनुसार कर्म करते रहें।

प्रायः भारत के सभी देवी मंदिर में चैत्र मास व अश्विन मास दोनों ही नवरात्र पर विशेष आयोजन या पूजा विशेष होती हैं। लेकिन व्यक्ति के मन में सबसे अधिक महत्व अश्विन मास में जगह-जगह गरबों की एवं जगह-जगह देवी प्रतिमा स्थापित करने के कारण अश्विन मास के नवरात्र को अधिक महत्व मानते हैं? परंतु एसा नहीं हैं विद्वाबो के मत से दोनो नावरात्र का देवी उपासनाके लिये विशेष महत्व होता हैं।

चैत्र नवरात्र में घरों में देवी प्रतिमा-घट स्थापना करते हैं।
नवरात्र के प्रथन दिन/ प्रतिपदा से विक्रम संवत के अनुशार नव वर्ष या नूतन वर्ष का प्रारंभ होता हैं।
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