श्री राम के सिद्धमंत्र भाग: १
साभार:- श्री रामचरित मानस विपत्ति नाश हेतु
मंत्र :-
राजिव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक॥
संकट नाश हेतु
मंत्र :-
जौं प्रभु दीन दयालु कहावा।
आरति हरन बेद जसु गावा॥
जपहिं नामु जन आरत भारी।
मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी॥
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी॥
क्लेश निवारण हेतु
मंत्र :-
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू।
महामोह निसि दलन दिनेसू॥
विघ्न नाश हेतु
मंत्र :-
सकल विघ्न व्यापहिं नहिं तेही।
राम सुकृपाँ बिलोकहिं जेही॥
आपत्ति के विनाश हेतु
मंत्र :-
प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन।
जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥
अपनी आवश्यक्ता के अनुशार उपरोक्त मंत्र का नियमित जाप करने से लाभ प्ताप्त होता हैं।
श्री रामचरित मानस मे गहरी आस्था रखने वाले व्यक्ति को विशेष एवं शीघ्र लाभ प्राप्त होता हैं।
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