भूमि परीक्षण और वास्तु भाग: ५
एक हाथ गहरा गड्ढा खोदकर उसे चारों और अच्छी तरह लीप - पोतकर स्वच्छ करदें । फिर एक मिट्टी के चौ मुखे दिप में घी भरकर उसमें चारों दिशाओंकी ओर मुख करके चार बत्तियाँ जला दें और उसी गड्ढेमें दिये को रख दें ।
यदि पूर्व दिशाकी बत्ती अधिक समयतक जलती रहे तो वह भूमि ब्राह्मणके लिये शुभ होती हैं।
यदि उत्तर दिशाकी बत्ती अधिक समयतक जलती रहे तो वह भूमि क्षत्रियके लिये शुभ होती हैं।
यदि पश्चिम दिशाकी बत्ती अधिक समयतक जलती रहे तो वह भूमि वैश्यके लिये शुभ होती हैं।
यदि दक्षिण दिशाकी बत्ती अधिक समयतक जलती रहे तो वह भूमि शूद्रके लिये शुभ होती हैं।
यदि उत्तर दिशाकी बत्ती अधिक समयतक जलती रहे तो वह भूमि क्षत्रियके लिये शुभ होती हैं।
यदि पश्चिम दिशाकी बत्ती अधिक समयतक जलती रहे तो वह भूमि वैश्यके लिये शुभ होती हैं।
यदि दक्षिण दिशाकी बत्ती अधिक समयतक जलती रहे तो वह भूमि शूद्रके लिये शुभ होती हैं।
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