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गुरुवार, मार्च 11, 2010

भारतिय संस्कृति मे मुहूर्त का महत्व

Bharatiya sanskruti me mahurat ka mahatva
भारतिय संस्कृति मे मुहूर्त का महत्व


भारतिय संस्कृति मे मुहूर्त का विशेष महत्व हैं। हमारे ऋषि-मुनि विद्वान आचार्यों ने जन्म से अंत्येष्टि(मृत व्यक्ति कि अंतिम क्रिया) तक सभी संस्कारों एवं अन्य सभी मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त का विधान आवश्यक बताया गया हैं।

किसी कार्य विशेष में सफलता कि प्ताप्ति हेतु निश्चित मुहूर्त का चुनाव किया जाता हैं।
भारतीय ज्योतिष सिद्धान्त के अनुशार हर मुहूर्त का अपना वैज्ञानिक प्रभाव एवं महत्व हैं।
कोई भी व्यक्ति इन मुहूर्त के प्रभाव एवं महत्व के बारे मे पूर्ण जानकारी प्राप्त कर व्यक्ति अपने किसी भी कार्य उद्देश्य में विशेष सफलता प्राप्ति हेतु उचित मुहूर्त का चुनाव कर सफलता प्राप्ति कि संभावना बढा सकते हैं। एवं ज्योतिषीय मत से शुभ फल प्रदान करने वाले मुहूर्त में किये गये कार्यो में उस कार्य की सफलता की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।

प्रायः हर मुहूर्त का निर्णय ब्रह्मांड में स्थित ग्रहो कि स्थितियों कि गणना कर किया जाता हैं। भारतिय संस्कृति में प्रायः हर शुभ कार्य में भारत के प्रमुख 16 संस्कारो को संपन्न करने हेतु मुहूर्त का चुनाव अति आवश्यक माना गया हैं। क्योकि शुभा मुहूर्त में किये गये हर शुभ कार्य अत्याधिक शुभ फल प्रदान करने वाले होते हैं।
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