शिव मंत्र
शंकर भगवान की महिमा का वर्णन हिंदू धर्म शास्त्रो में कल्याणकारी देव के रूपमे किया गया हैं। क्योकि शिवजी सिफ मनुष्य मात्र का कल्याण नहीं करते, देवता और दानवो का भी कल्याण करते हैं।
इसी लिये शिवजी एसे देव हैं, जो तीनो में पूजनिय हैं। इसी लिये उन्हे देवो के भी देव महादेव के नाम से जाना जाता हैं, एवं भगवान शिव की कृपा प्राप्ति हेतु तीनो लोक मे उनकी पूजा उपासना की जाती हैं।
शिव में आस्था रखने वालो का मत हैं की महादेव ने कभी उन्हें निराश नहीं किया,
शिव से जो मांगा हैं उनकी कृपा से वह पाया हैं। क्योकी शिव जी भोले भंडारी हैं, भोले अपने भक्तो के समस्त संकट दूर कर उन्हें सुख समृद्धि एवं मोक्ष प्रदान करते हैं।
शंकर जी एक एसे देव हैं जो अत्यन्त शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
शिवपुराण के अनुसार भगवान शंकर का सर्वाधिक प्रभावी एवं सरल मंत्र हैं पंचाक्षरी मंत्र।
पंचाक्षरी मंत्र:- नम: शिवाय
पंचाक्षरी मंत्र को सभी वर्गो के लोगों के लिए अत्यन्त फलदायीहैं। इस लिए कोई भी व्यक्ति इस पंचाक्षरीमंत्र को नित्य श्रद्धा पूर्वकजप कर सरलता से महादेव की कृपा प्राप्त सकता है।
पंचाक्षरी मंत्र के पांच अक्षरों में पंचानन (पांच मुख वाले) महादेव की सभी शक्तियां समायी हुई हैं।
पंचाक्षरी मंत्र के जाप करने से बडे से बडे संकट का निवारण सरलता से हो जाता हैं।
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