Search

Shop Our products Online @

www.gurutvakaryalay.com

www.gurutvakaryalay.in


शुक्रवार, फ़रवरी 12, 2010

महामृत्युंजय मंत्र जाप कब करें?

Mahamrutyunjay mantra jaap kis samay kare?, jap

महामृत्युंजय मंत्र जाप कब करें?


 

महामृत्युंजय मंत्र का जाप स्नान इत्यादि से निवृत होकर प्रतिदिन भी कर सकते हैं इस्से वर्त्मान समय के कष्ट तो दूर होते ही हैं साथ में आने वाले कष्टों काभी स्वतः ही निवारण हो जाता हैं।
 
महामृत्युंजय मंत्र के नियमित यथासंभव जाप करने से बहुत बाधाएँ दूर होती एसा हमने हमारे अनुभवो से जाना हैं।
 
परंतु यदि विशेष स्थितियों में महामृत्युंजय मंत्र के जाप की आवश्यक्ता हो तो भी करयाजा सकता हैं।
 
  • यदि घरका कोइ सदस्य रोग से पीड़ित हों। या उसकी सेहत बार बार खराब हो रही हों।
  • भयंकर महामारी से लोग मर रहे हों, तो जाप कर अपनि और अपने परिवार की सुरक्षा हेतु।
  • यदि सामुहिक यज्ञ द्वारा जाप किया जाये तो अत्याधिक लोगो को लाभ होता हैं।
  • राजभय अर्थान्त सरकार से संबंधित कोइ पीडा या कष्ट हों।
  • साधक का मन धार्मिक कार्यों नहीं लग रहा हों।
  • शत्रु से संबंधित परेशानि एवं क्लेश हों।
  • यदि सामुहिक यज्ञ द्वारा जाप किया जाये तो समग्र विश्व, देश, राज्य, शहर आदि के हितार्थ उद्देश्य से भी जप किये जासकते हैं। इस्से अत्याधिक लोगो को लाभ होता हैं।
 
ज्योतिष
  • मारक ग्रहो द्वारा प्रतिकूल (अशुभ) फल प्राप्त हो रहें हों।
  • यदि जन्म, मास, गोचर और दशा, अंतर्दशा, स्थूलदशा आदि में ग्रहपीड़ा होने की आशंका हों।
  • कुंडाली मेलापक में यदि नाड़ीदोष, षडाष्टक आदि दोष हों।
  • एक से अधिक अशुभ ग्रह रोग एवं शत्रु स्थान(षष्टम भाव में) हों।
इससे जुडे अन्य लेख पढें (Read Related Article)


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें