Shiva Stuti Ramcharit Manas
शिव स्तुति (राम चरितमानस)
नमामिशमीशान निर्वाण रूपम्।
विभुं व्यापकम् ब्रह्म वेदस्वरूपम्।॥१॥
निजं निर्गुणम् निर्किल्पं निरीहम्।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्॥२॥
निराकारमोंकारमूलम् तुरीयम्।
गिरा ज्ञान गोतीतमीशम् गिरीशम्॥३॥
करालं महाकाल कालं कृपालम्।
गुणागार संसारपारम् नतोहम्॥४॥
तुषाराद्रि संकाश गौरम् गंभीरम्।
मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्॥५॥
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